चौथी तिमाही में कॉरपोरेट क्षेत्र से मजबूत ऋण मांग दर्ज करने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में पूर्ववर्ती वर्ष के मुकाबले ऋण वृद्धि बेहतर रहने का अनुमान जताया है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने मनोजित साहा के साथ एक विशेष साक्षात्कार में यह स्पष्ट किया कि कैसे बैंक ने बढ़ते ब्याज दर परिवेश में अपने कारोबार में बदलाव लाने की योजनाएं बनाई हैं। पेश हैं मुख्य अंश:
वित्त वर्ष 2022 के लिए एसबीआई की ऋण वृद्धि व्यवस्था के ऋण की तुलना में ज्यादा थी। चौथी तिमाही में कॉरपोरेट ऋणों के लिए भी अच्छी मांग दर्ज की गई, क्या आप यह ऋण मांग बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं?
निश्चित तौर पर। यह मुख्य तौर पर बड़ी कंपनियों द्वारा कार्यशील पूंजी सीमाओं के बेहतर इस्तेमाल की वजह से थी और साथ ही उनके द्वारा मियादी ऋणों की उपलब्धता से भी इसे बढ़ावा मिला। यह रुझान बररकार है। इसके अलावा हमने बड़ी तादाद में प्रस्ताव हासिल किए हैं, जिन पर काम चल रहा है। यह कॉरपोरेट ऋण वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है। हमारा रिटेल ऋण सेगमेंट भी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और चालू वित्त वर्ष में भी इसकी रफ्तार अच्छी रहेगी। यही वजह है कि हमें चालू वित्त वर्ष में भी मजबूत ऋण वृद्धि की उम्मीद है।
क्या आपको चालू वित्त वर्ष में पूर्ववर्ती के मुकाबले बेहतर ऋण वृद्धि की उम्मीद है?
हमारा मानना है कि यदि बेहतर नहीं रही तो कम से कम यह सपाट स्तर पर बनी रहेगी। हां, यह बेहतर भी रह सकती है।
क्या आप मानते हैं कि रिटेल ऋण वृद्धि की रफ्तार ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद बरकरार रहेगी?
हमने खुदरा ऋण वृद्धि के संदर्भ में सकारात्मक रुझान दर्ज किया है। खुदरा ऋणों के अलावा लेनदार ईएमआई से एनएमई (समान मासिक किस्त से शुद्ध सालाना आय) अनुपात पर भी ध्यान देंगे और हमने मुद्रास्फीतिकारी स्थिति के दौरान यह देखा, वेतन में भी इजाफा हुआ। उस मात्रा में, यदि ऋण ब्याज की खास दर पर सीमित होते हैं तो लेनदारों को उधारी बढ़ाकर परिसंपत्ति तैयार करना समझदारी भरा साबित होगा।
टेक-आधारित क्षेत्रों में छंटनी की भी खबरें आई हैं। इन क्षेत्रों में काम करने वाले कई लोगों ने योनो ऐप के जरिये ऋण हासिल किए। वेतनभोगी वर्ग से आप किस तरह के
परिसंपत्ति गुणवत्ता दबाव की आशंका जता रहे हैं?
ये ऋण कॉरपोरेट वेतन पैकेज ग्राहकों को दिए जाते हैं, और इनके बड़े हिस्से में सरकारी कर्मचारी, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी, रक्षा बल आदि शामिल हैं। इसलिए, आपने जिस तरह के दबाव का संकेत दिया है, वह हमने महसूस नहीं किया है। जहां तक हमारे खुदरा ऋण बहीखाते की गुणवत्ता का सवाल है तो एनपीए प्रतिशत काफी कम है।
दूसरा क्षेत्र है एसएमई। इस क्षेत्र में एसबीआई की ऋण वृद्धि पिछले तीन साल में करीब 25 प्रतिशत सीएजीआर के आसपास थी। इस क्षेत्र से आपको किस तरह के दबाव की आशंका दिख रही है?
अब तक का हमारा अनुभव इस तरह का संकेत नहीं देता है। हम यह सुनिश्चित करने के संदर्भ में बेहद सतर्क रहे हैं कि बैंक की ऋण गुणवत्ता शीर्ष स्तर की बनी रहे। हमने संकेत दिया है कि यदि हम दबाव का कोई संकेत महसूस करेंगे तो नियामकीय संदर्भ में पहले ही इससे अवगत करा देंगे। यही वजह है कि हमारा प्रावधान कवरेज अनुपात 90 प्रतिशत से ज्यादा है।
क्या आप अपनी कुछ सहायक इकाइयों – एसबीआई म्युचुअल फंड या एसबीआई जनरल इंश्योरेंस को चालू वित्त वर्ष में सूचीबद्ध कराने की संभावना तलाश रहे हैं?
हमने लंबे समय से इन सहायक इकाइयों को मजबूत बनाया है और हम सही समय पर इन्हें बाजार में लाना चाहेंगे। ऐसे कई विकल्प हैं जिन पर हम पूंजी के लिए विचार करेंगे, लेकिन मैं ऐसी इकाइयों को उस समय सूचीबद्ध कराने की बाध्यता से परहेज करना चाहूंगा जब उन्हें सही कीमत नहीं मिल सके।
क्या आप मानते हैं कि बढ़ते ब्याज परिवेश में एनआईएम में और सुधार आ सकता है?
हमारे करीब 75 प्रतिशत ऋण एमसीएलआर, ईबीएलआर या रीपो से जुड़े हुए हैं। ब्याज दरों में वृद्धि उन बैंकों के लिए लाभदायक होगी जिन्हें निर्धारित दर के मुकाबले फ्लोटिंग दर के हिसाब से ज्यादातर ब्याज हासिल होता है। इसलिए हम उस संदर्भ में बेहतर स्थिति में हैं।