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अब और मुश्किल होगा इक मकान बनाने का सपना

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:45 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 7.75 फीसदी से 8 फीसदी कर दिया है। इससे होम लोन और पर्सनल लोन और ऑटो लोन की ब्याज दरें और महंगी हो सकती है।


बैंकर्स इस कदम के बाद तुरंत ऋण की दरें बढाने की जरुरत नहीं महसूस कर रहे हैं क्योंकि पिछले साल हाउसिंग क्षेत्र  की विकास दर काफी अच्छी रही है। कुछ बैंक इस समय वेट ऐंड वॉच की स्थिति में केंद्रीय बैंक के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ी वजह यह है कि बैंकों के लिए फंड की कास्ट बढ़ सकती है। 

इस समय देश का सबसे बड़ा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) तीन साल के लिए फिक्स डिपाजिट पर  9.15 प्रतिशत ब्याज दे रहा है, जबकि उसके होम लोन की फ्लोटिंग रेट 10.5 फीसदी है। बैंकर्स कहते हैं कि आरबीआई  द्वारा की गई बढ़ोतरी से उनके पूरे पोर्टफोलियो पर क्या असर होगा, इसका अभी अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन बैंकों की उधार की कॉस्ट बढ़ती है तो वे  तो 25 से 50 बेसिस प्वाइंट तक  तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने को मजबूर होंगे।

अन सिक्योर पर्सनल लोन  की दरों के ऊपर जाने की संभावना है। वास्तव में पहले से ही तंग नजर आ रहा वर्तमान क्रेडिट परिदृश्य और बदतर होता जा रहा है। कई बैंक पहले से ही होम लोन के लिए लोन टू वैल्यू(एलटीवी) पहले ही कम कर चुके हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप बैंक के पास 40 लाख रुपये के लिए लोन के लिए जाते हैं तो वे 32-36 लाख (एलटीवी का 80-90 फीसदी जो बैंक अब तक मंजूर करती आईं हैं) की जगह 25 लाख ही मंजूर करेंगी।

इसके मायने यह हुए बैंक घर का मूल्यांकन निचली कीमतों पर कर रहे हैं। होम लोन क्षेत्र की स्थिति का असर सबसे अधिक वर्तमान होम लोन ग्राहकों पर पड़ सकता है। वर्तमान में फ्लोटिंग होम लोन की दरें 9.75 फीसदी से 11 फीसदी तक है। इस समय होम लोन की फोल्टिंग दरें 9.75 फीसदी से 11 फीसदी के बीच में हैं। इसमें 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी का अर्थ है तो उसकी ईएमआई में और इजाफा।

उदाहरण के लिए अगर आपने  40 लाख रुपये का होम लोन 10.5 फीसदी की दर पर 15 साल के लिए लिये है तो आपको ईएसआई 44,216 रुपये देने पड़ता था और होम लोन की दर 0.5 फीसदी बढ़ा दी जाती है तो ईएमआई में 1,189 रुपये की वृध्दि हो जाएगी।  और आपका कुल लोन 4,86,376 रुपये बढ़ जाएगा । यहां बढ़ी ईमाई देना बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें आपको लगभग आधी 1,99,752 रुपये की राशि ही अतिरिक्त चुकानी होगी। 

इंडियन बैंक के चेयरमेन डी सुंदरराजन कहते हैं कि इस समय बैंक देखों और इंतजार करों की भूमिका की नीति अपना रहे हैं। वे कहते हैं कि मैं उम्मीद करता हूं कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तुरंत ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे।

First Published : June 16, 2008 | 10:30 PM IST