पहले की सरकारी ऋणदाता यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) को 2019-20 की चौथी तिमाही में भारी नुकसान हुआ है। इन बैंकों को हुए नुकसान से पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) के पूंजी आधार में कमी आएगी, जिसमें हाल ही में इन दोनों बैंकों का विलय किया गया था।
एक कार्यकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा कि मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में यूबीआई को करीब 6,700 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है, वहीं इस दौरान ओबीसी का शुद्ध घाटा करीब 2,700 करोड़ रुपये का रहा। इससे पिछले वर्ष की समान तिमाही में यूबीआई को 95 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था जबकि ओबीसी को 201 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।
दोनों बैंकों ने 2019-20 की लगातार तीन तिमाहियों में लाभ दर्ज किया था, जिसके बाद चौथी तिमाही में विलय से पहले दोनों ही बैंकों को भारी नुकसान हुआ है। विलय की प्रक्रिया 1 अप्रैल, 2020 से शुरू हुई थी। इन बैंकों को यह घाटा मोटे तौर पर कर संबंधी और प्रावधान मुद्दों के कारण से हुआ है।
इन दोनों बैंकों का तिमाही परिणाम सार्वजनिक नहीं किया गया है क्योंकि पीएनबी में विलय के बाद इनके निदेशक मंडल की अवधि समाप्त हो गई थी। विलयकर्ता बैंक पीएनबी ने शुक्रवार को इन दोनों बैंकों के वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने कहा कि 2019-20 के लिए यूबीआई का सालाना शुद्ध घाटा करीब 6,400 करोड़ रुपये रहा और ओबीसी का सालाना शुद्ध घाटा 2,250 करोड़ रुपये रहा। पीएनबी को 2019-20 की चौथी तिमाही में 697 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि पूरे वर्ष में उसे 336 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। 2018-19 की चौथी तिमाही में उसे 4,750 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
बैंक के एक शीर्ष कार्यकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त के साथ कहा कि जब पीएनबी प्रबंधन यूबीआई और ओबीसी के वित्तीय परिणामों को मंजूरी देने के लिए बैठा तो इसे इन बैंकों की ओर से कर संबंधी प्रावधानों में स्पष्ट अंतर किए जाने और कर्मचारी पेंशन को पीएनबी की ओर से अपनाए जा रहे स्तर के अनुरूप बनाने के लिए किए गए प्रावधानों की कमी नजर आई।
यूबीआई और ओबीसी के वित्तीय नुकसान से पीएनबी के पूंजी आधार में कमी आएगी जिसने अपने वित्त वर्ष का आरंभ देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक के तौर पर की थी। बैंक के पूंजी पर्याप्तता अनुपात को उसकी सेहत का एक प्रमुख संकेतक समझा जाता है। विलय की प्रक्रिया आरंभ होने से पूर्व मार्च 2020 के अंत में पीएनबी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 14.14 फीसदी था।
पीएनबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी एसएस मल्लिकार्जुन राव ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में यूबीआई और ओबीसी के नुकसानों को स्वीकार करते हुए कहा था कि इससे पीएनबी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात घटकर 12.75 फीसदी रह जाने के आसार है।
