डिजिटल माध्यम से कारोबार करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाई क्लिक्स कैपिटल सर्विसेस विलय के लिए सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक (एसएसएफबी) के साथ बातचीत कर रही है। क्लिक्स कैपिटल का संचालन जीई कैपिटल के प्रमुख प्रमोद भसीन और डी ई शॉ ऐंड कंपनी के प्रबंध निदेशक अनिल चावला कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों कंपनियों के बीच संभावित विलय पर जरूरी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हंै। विलय प्रस्ताव पर चर्चा काफी आगे बढ़ चुकी है और समझा जा रहा है कि सौदा जल्द ही पूरा हो सकता है। सेंट्रम कैपिटल यह सौदा पूरा करने में मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी।
शीर्ष कंपनियों को छोड़कर एनबीएफसी खंड की बाकी कंपनियों के लिए कारोबार में टिके रहना चुनौतीपूर्ण हो गया है। बैंकों से कारोबार के लिए आसानी से पूंजी नहीं मिलने के कारण उनके लिए इसी खंड की दूसरी कंपनियों के साथ विलय के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह गया है।
क्लिक्स कैपिटल के साथ सौदा सूचीबद्ध इकाई एसएसएफबी की रणनीति के अनुकूल बताया जा रहा है। एसएसएफबी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) भास्कर बाबू रामचंद्रन ने वित्त वर्ष 2021 के लिए शेयरधारकों को एक संदेश में कहा था कि ग्राहकों के व्यवहार से जुड़े पहलुओं को समझने और डिजिटल माध्यम से कारोबार करने के लिए उनका बैंक भारी निवेश कर रहा है।
रामचंद्रन ने कहा, ‘डिजिटल माध्यम से वित्तीय सेवा देना इस वर्ष हमारे लिए महत्त्वपूर्ण उपलब्धि होगी। पिछले वर्ष बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि एसएसएफबी सार्वभौमिक बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है। क्लिक्स कैपिटल की खुदरा,उपभोक्ता और लघु कारोबार में मौजूदगी है और इसकी प्रबंनाधीन परिसंपत्तियां 3,027 करोड़ रुपये से अधिक है। क्लिक्स कैपिटल दूसरी बार किसी सूचीबद्ध बैंक के साथ विलय करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले कंपनी ने पिछले वर्ष अक्टूबर में वित्तीय संकट का सामना कर रहे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का अधिग्रहण करने का प्रयास किया था, लेकिन बाजी सिंगापुर के डीबीएस बैंक के हाथ लग गई।
सूत्रों के अनुसार क्लिक्स कैपिटल में 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी एऑन कैपिटल पार्टनर्स के पास है। एऑन कैपिटल पार्टनर्स आईसीआईसीआई वेंचर और अपोलो मैंनेजमेंट के बीच का संयुक्त उद्यम थी लेकिन पिछले वर्ष जून में दोनों इकाइयों ने यह साझेदारी समाप्त कर दी। हालांकि दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से एऑन फंड का प्रबंधन करने पर सहमत हो गईं। एऑन फंड ने 85 करोड़ डॉलर रकम जुटाई थी। सूत्रों के अनुसार भसीन और चावला के पास शेष बची अधिकांश हिस्सेदारी है। क्लिक्स कैपिटल की स्थापना 2016 में हुई थी। क्लिक्स कैपिटल के चेयरमैन भसीन ने संभावित सौदे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दूसरी तरफ सूर्योदय स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ‘बाजार में चल रहे कयास पर हम टिप्पणी नहीं करते हैं। जरूरत पडऩे पर हम आवश्यक जानकारी देने से पीछे नहीं हटेंगे।’ इस बैंक का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 1,590 करोड़ रुपये है।