भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के कारण बैंकिंग व्यवस्था में अतिरिक्त नकदी उल्लेखनीय रूप से कम हो गई है। ट्रेजरी अधिकारियों ने कहा कि पिछले 2 दिनों में इंटरबैंक काल मनी रेट रिजर्व बैंक के ब्याज दर गलियारे की ऊपरी सीमा पर पहुंच गया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) खाते से पैसे निकलने की वजह से भी अतिरिक्त नकदी कम हुई है और काल रेट तेजी से बढ़ा है।
ट्रेजरी अधिकारियों ने कहा कि जुलाई में जीएसकी खाते से शुद्ध निकासी करीब 1.2 से 1.4 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। बहरहाल यह मात्रा पिछले कुछ महीनों से देखी जा ही निकासी जैसी ही है। सबसे ज्यादा असर रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रा बाजार में आक्रामक हस्तक्षेप का पड़ा है।
रिजर्व बैंक अपने भंडार से आक्रामक रूप से डॉलर की बिक्री कर रहा है, जिससे रुपये में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव को कम किया जा सके, क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के साथ वैश्विक रूप से इसका असर पड़ा है। 19 जुलाई को रुपया एक अमेरिकी डॉलर की तुलना में 80.06 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था।
जब रिजर्व बैंक हाजिर बाजार में डॉलर बेचता है तो बैंकिंग व्यवस्था से वह नकदी को सोखता है।
एक विदेशी बैंक से वरिष्ठ ट्रेजरी ऑफिसर ने कहा, ‘पिछले 3 सप्ताह से रिजर्व बैंक एफएक्स हस्तक्षेप के माध्यम से हर सप्ताह 35,000 से 37,000 करोड़ रुपये वापस ले रहा है।’
