आरंभिक या अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ या एफपीओ) से पहले एंकर निवेशकों को होने वाला आवंटन संस्थागत निवेशकों के बीच शेयरों की मजबूत मांग के बारे में बताता है। हालांकि येस बैंक की तरफ से एंकर निवेशकों को हुआ आवंटन बताता है कि 15,000 करोड़ रुपये जुटाना उसके लिए मुश्किल हो सकता है।
शेयरों का आवंटन 12 से 13 रुपये के कीमत दायरे के निचले स्तर पर किया जाएगा। इसके बावजूद एंकर श्रेणी के तहत पूरा शेयर नहीं बिक पाया है। साथ ही देसी म्युचुअल फंड (जो एंकर बुक का बड़ा हिस्सा हासिल करते रहे हैं) ने इस शेयर से दूरी बना ली है। सूत्रों ने कहा कि बैंक ने सरकारी स्वामित्व वाली बीमा दिग्गज एलआईसी और भारतीय स्टेट बैंक (जो अभी बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक है) को एफपीओ की मांग में होने वाली संभावित कमी को पूरा करने का काम सौंपा गया है।
येस बैंक ने मंगलवार को एंकर श्रेणी में 4,100 करोड़ रुपये के शेयर करीब एक दर्जन संस्थागत निवेशकों को आवंटित किया। येस बैंक के एफपीओ का आकार 15,000 करोड़ रुपये का है। इसका आधा हिस्सा तथाकथित पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए है और क्यूआईबी का 60 फीसदी एंकर निवेशकों को आवंटित किया जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप करीब 4,500 करोड़ रुपये के शेयर एंकर बुक के तहत उपलब्ध हैं। साथ ही एंकर बुक का एक तिहाई यानी 1,500 करोड़ रुपये के शेयर म्युचुअल फंडों के लिए आरक्षित हैं। लेकिन शायद ही किसी म्युचुअल फंड ने एंकर श्रेणी में शेयरों के लिए बोली लगाई।
एंकर मांग में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं देखा गया है। अमेरिका की संपत्ति प्रबंधक ने 2,250 करोड़ रुपये के शेयरों के लिए आवेदन किया, जो एंकर बुक के तहत उपलब्ध शेयरों का आधा है।
सूत्रों ने कहा कि कमजोर मांग के कारण येस बैंक की पूंजी जुटाने वाली समिति को 12 रुपये पर शेयरों का आवंटन करना पड़ा जबकि पहले 13 रुपये प्रति शेयर का अनुमान जताया गया था।
उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह विरला उदाहरण है जहां शेयरों का आवंटन एंकर श्रेणी में निचले स्तर पर हुआ है। एक निवेश बैंकर ने कहा, एंकर आवंटन से मिला संदेश सकारात्मक नहीं है। अगर खुदरा निवेशक भागीदारी नहीं करते हैं तो येस बैंक को पूरा आवेदन पाने में संघर्ष करना पड़ सकता है।
करीब 5,000 करोड़ रुपये के शेयर एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित हैं। एसबीआई के पास एफपीओ में 1,750 करोड़ रुपये निवेश करने की बोर्ड मंजूरी है। सूत्रों ने कहा कि एलआईसी भी 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये आवंटित कर सकती है। कामयाब इश्यू के लिए किसी एफपीओ को कम से कम 90 फीसदी सबस्क्रिप्शन हासिल करना जरूरी होता है। बुधवार को येस बैंक का शेयर 20.5 रुपये पर बंद हुआ। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि अगर द्वितीयक बाजार की कीमतें बनी रहती हैं तो खुदरा व धनाढ्य निवेशक सूचीबद्धता का फायदा उठाने के लिए इसमें आवेदन कर सकते हैं। एफपीओ को 24 फीसदी आवेदन मिले, जिसकी वजह संस्थागत निवेशकों की तरफ लगाई गई बोली है।
