फरवरी में 8 इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि दर 3 माह के निचले स्तर, 6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसे प्रमुख क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इनमें से 6 उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि पिछले माह की तुलना में घटी है।
उद्योग विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सीमेंट (7.3 प्रतिशत) और उर्वरक (22.2 प्रतिशत) को छोड़कर 5 क्षेत्रों कोयला (8.5 प्रतिशत), बिजली (7.6 प्रतिशत), स्टील (6.9 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (3.2 प्रतिशत), रिफाइनरी उत्पादों (3.3 प्रतिशत) की वृद्धि दर में पिछले माह की तुलना में कमी आई है।
बहरहाल कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार नवें महीने कमी जारी रही और यह फरवरी में 4.9 प्रतिशत घटा है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि ऐसा लगता है कि रिकवरी सुस्त है और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण गति धीमी पड़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘7 क्षेत्रों का उत्पादन अभी भी कोविड के पहले के स्तर (फरवरी 2020) की तुलना में फरवरी 2023 में ज्यादा है, जबकि इसके पहले के महीने की तुलना में गिरावट आई है। यहां तक कि मासिक आधार पर (मौसम के हिसाब से समायोजित) फरवरी 2023 में 3 महीनों के बाद 8 इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योगों का उत्पादन 1.7 प्रतिशत कम हुआ है।’
बैंक आफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उर्वरक के उत्पादन में वृद्धि कंपनियों के भंडारण की वजह से हुआ है, जिसे कम आधार का भी सहारा मिला है, वहीं स्टील और सीमेंट क्षेत्र में वृद्धि सरकारी और निजी क्षेत्र की इन्फ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों की वजह से है। परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र भी आखिरकार सक्रिय हुआ है।
सबनवीस ने कहा, ‘कोयला और बिजली क्षेत्र में वृद्धि विनिर्माण क्षेत्र की वजह से है, जहां बिजली की खपत ज्यादा हुई है। वहीं कच्चे तेल के उत्पादन में कमी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी की वजह से है, जिसकी वजह से विदेश के बाजारों से तेल का आयात सस्ता हो गया है।’
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 8 प्रमुख क्षेत्र की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत होती है। सबनवीस ने कहा कि इन आंकड़ों के हिसाब से फरवरी में आईआईपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद की जा सकती है।
अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान प्रमुख क्षेत्रों की कुल मिलाकर वृद्धि दर 11 प्रतिशत रही है।
आर्थिक सहयोग और विकास परिषद (OECD) ने अपने हाल के अंतरिम परिदृश्य में वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान 20 आधार अंक बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है।
दक्षिण पूर्व एशिया, चीन और भारत के आर्थिक परिदृश्य में OECD ने कहा है, ‘भारत में 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। कमजोर बाहरी मांग और उच्च उधारी दर के कारण ऐसी स्थिति बन रही है और महंगाई दर पर भी नजदीक से नजर रखने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र में देखें तो कृषि उत्पादकता बढ़ी है और विभिन्न उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है। भारत को निवेश के सुधरे माहौल का भी फायदा मिलेगा।’