facebookmetapixel
Gold Price Today: सोना ₹1.27 लाख के करीब, चांदी में 500 रुपये की तेजी; जानें ताजा भावIndiGo पर ₹5,700 लगाकर ₹24,300 तक कमाने का मौका! HDFC सिक्योरिटीज ने बताई दमदार बुल स्प्रेड स्ट्रैटेजीमुफ्त योजनाएं भारत के रुपये को बना रहीं कमजोर: क्रिस्टोफर वुड की रिपोर्टBihar Election Results 2025 LIVE: वोटों की गिनती जारी, रुझानों में NDA को महागठबंधन पर बढ़तStock Market Update: एनडीए को बढ़त से बाजार में रिकवरी, सेंसेक्स–निफ्टी ने संभाली गिरावट; आईटी स्टॉक्स पर दबावBihar Assembly elections 2025: राघोपुर से लेकर अलीनगर तक, इन 8 हॉट सीट पर रहेंगी सभी की नजरेंQ2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारा

‘इंडिया फर्स्‍ट’ से विनिर्माण को बल मिलेगा: गोयनका

Last Updated- December 14, 2022 | 11:17 PM IST

ऐसे समय में जब सरकार और उद्योग चीन से बाहर जाने वाली कंपनियों में अवसर तलाश रहे हैं, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा है कि भारत में वियतनाम जैसे बड़े पैमाने पर विनिर्माण के लिए तैयार बुनियादी ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हमें भारत को अवश्य आगे रखना होगा, साझेदारी करनी होगी और लंबी अवधि की रणनीति बनानी होगी। इससे विनिर्माण क्षेत्र को विकसित होने में मदद मिलेगी।
हाल में मद्रास चैम्बर ऑफ कॉमर्स के एक समारोह में बोलते हुए गोयनका ने कहा कि भू-राजनीतिक घटनाओं और कोविड-19 के प्रकोप के कारण भारत के लिए अवसर बढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘तीन क्षेत्रों- भारत को आगे रखना, साझेदारी करना और दीर्घावधि रणनीति- पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक समग्र योजना तैयार करने से भारत के विनिर्माण क्षेत्र को विकसित होने में मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सबकुछ यहीं बनाना ही नहीं है।
गोयनका ने कहा कि एयर कंडीशनर, सेट टॉप बॉक्स, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, फर्नीचर आदि कई क्षेत्रों में भारत अगले कुछ वर्षों में आसानी से छलांग लगा सकता है। वस्तुओं का आयात मुख्य तौर पर कम कीमत, क्षमता का अभाव और प्रौद्योगिकी में अंतर के कारण किया जाता है। कई क्षेत्रों में दक्षता बढ़ाकर और उद्योग एवं सरकार की भागीदारी के जरिये आयात को कम किया जा सकता है।
गोयनका ने कहा कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) और आपूर्तिकर्ताओं के अलावा ओईएम और सरकार के बीच साझेदारी वाला नजरिया विकसित करने की आवश्यकता है।

First Published - October 2, 2020 | 11:13 PM IST

संबंधित पोस्ट