उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सरकार को आगामी बजट के लिए अपना एजेंडा सौंपा है जिसमें पर्सनल इनकम टैक्स की दरें घटाने, जीएसटी कानून के दायरे से अपराध श्रेणी को बाहर करने और पूंजीगत लाभ कर पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया है।
CII ने GST कानून को अपराध मुक्त रखने का सुझाव देते हुए कहा है कि इसमें कर चोरी रोकने के लिए दंडात्मक प्रावधान पर्याप्त हैं।
उद्योग मंडल के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा, ‘पूंजी लाभ कर की दरों और होल्डिंग अवधि पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है ताकि जटिलताओं और विसंगतियों को दूर किया जा सके।’ बजाज ने कहा कि इसके अलावा सरकार को सुधार के अगले चरण में व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती करने पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी जिससे मांग चक्र में तेजी आएगी।
CII ने कहा कि व्यवसायों के लिए निश्चित कर जारी रहना चाहिए तथा कॉरपोरेट कर दर भी मौजूदा स्तर पर बनी रहनी चाहिए। वहीं दीवानी मामलों में तब तक गिरफ्तारी या हिरासत में लेने की कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जब तक कि व्यवसाय में अपराध साबित नहीं हो जाए।
चैंबर ने कहा कि राजकोषीय घाटे को 2023-24 तक कम कर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के छह प्रतिशत तक लाने और 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत तक लाने के प्रयास होने चाहिए। इसके अलावा पूंजीगत व्यय मौजूदा 2.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 2023-24 में 3.3-3.4 प्रतिशत करना चाहिए और 2024-25 तक इसे और बढ़ाकर 3.8-3.9 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
इसमें कहा गया कि निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश अकेले काफी नहीं है।