प्रमुख फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो का शुद्ध घाटा दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 81 फीसदी कम होकर 66 करोड़ रुपये रह गया। तिमाही के दौरान कंपनी का राजस्व पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 86 फीसदी बढ़कर 1,112 करेाड़ रुपये हो गया। दूसरी तिमाही के मुकाबले कंपनी का राजस्व 9 फीसदी बढ़कर 1,024 करोड़ रुपये हो गया। दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध घाटा 85 फीसदी घटकर 430 करोड़ रुपये रह गया।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) 84.5 फीसदी और तिमाही आधार पर 1.7 फीसदी बढ़कर 5,500 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि सकल ऑर्डर मूल्य में तिमाही आधार पर कमजोर वृद्धि की मुख्य वजह ग्राहक डिलिवरी शुल्क में कमी रही। इसके अलावा कोविड के बाद कारोबार के सुचारु होने (डिलिवरी से डायनिंग में बदलाव)का भी कुछ प्रभाव रहा।’
तिमाही के दौरान कंपनी के ऑर्डरों की कुल संख्या में सालाना आधार पर 93 फीसदी और तिमाही आधार पर 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। औसत ऑर्डर मूल्य में तिमाही आधार पर करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जिसे डिलिवरी शुल्क में कमी से बल मिला।
40 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना
कंपनी ने कहा है कि अपने प्रमुख कारोबार फूड और क्विक कॉमर्स में निवेश जारी रखेगी। कंपनी ने कहा है कि अगले दो साल के दौरान इस श्रेणी में 40 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना है। इसके अलावा कंपनी एक एनबीएफसी भी स्थापित करने की प्रक्रिया में है ताकि ग्राहकों, रेस्तरां और डिलिवरी पार्टनर को ऋण हासिल करने में मदद मिल सके।
मीडिया खबरों के अनुसार फूडटेक कंपनी खुद की तत्काल खरीदारी और बाद में भुगतान की योजना लाने जा रही है। कंपनी ने कहा कि उसके बहीखाते पर करीब 1.7 अरब डॉलर की नकदी उपलब्ध है और उसने पिछले एक साल के दौरान तीन कंपनियों- ब्लिंकिट (पूर्व में ग्रोफर्स), शिपरॉकेट और मैजिकपिन- में करीब 22.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
जोमैटो ने कहा कि चौथी तिमाही के दौरान उसने अब तक अर्बनपाइपर में 50 लाख डॉलर और एडोन्मो में 1.5 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त अल्पांश इक्विटी निवेश किया है।
स्विगी को 1,314 करोड़ रु. का घाटा
खान-पान डिलिवरी करने वाली दिग्गज स्विगी (बंडल टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड) ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2,145 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, जो पिछले वित्त वर्ष से 23 प्रतिशत कम है। इसी वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 1,314 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। इसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 65 प्रतिशत की कमी आई है। कारोबारी सूचना मंच टॉफलर से प्राप्त नियामकी दस्तावेजों से यह जानकारी मिलती है। वित्त वर्ष में बेंगलूरु स्थित इस कंपनी का कुल व्यय 3,310 करोड़ रुपये बताया गया है। स्विगी का विस्तारित ‘सुविधा’ दृष्टिकोण देश भर में ऑन-डिमांड अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में एक प्रेरक शक्ति रहा है।
एलेम्बिक फार्मा का शुद्ध लाभ 40 प्रतिशत लुढ़का
अपने अमेरिकी कारोबार में दामों में निरंतर कमी के साथ-साथ अपने सक्रिय फार्मास्युटिकल अवयवों (एपीआई) की बिक्री में गिरावट की वजह से एलेम्बिक फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (एपीएल) ने 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने वाली तिमाही में सालाना आधार पर अपने शुद्ध लाभ में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। कंपनी ने वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में 176 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही में यह 293 करोड़ रुपये था। इस तिमाही में कुल बिक्री तीन प्रतिशत तक गिरकर 1,272 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले साल समान अवधि में 1,314 करोड़ रुपये थी।
स्ट्राइड्स फार्मा को 122 करोड़ रुपये की शुद्ध हानि
स्ट्राइड्स फार्मा ने दिसंबर तिमाही में 122 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में 378 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया था। मुंबई स्थित इस कंपनी का राजस्व तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर पांच प्रतिशत गिरकर 794 करोड़ रुपये रह गया।
कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी आर अनंतनारायणन ने कहा कि तीसरी तिमाही में हालांकि हमने अपने कारोबार में क्रमिक रूप से आठ प्रतिशत की राजस्व वृद्धि प्रदान की है, लेकिन परिचालन लाभ में कमी रही है। हमारा अमेरिकी कारोबार दो तिमाहियों की गिरावट के बाद वृद्धि की ओर लौट आया है, जो क्रमिक रूप से 13 प्रतिशत बढ़कर तीसरी तिमाही में 3.8 करोड़ डॉलर हो गया है।