खाने-पीने का सामान रेस्तरां से घर-दफ्तर तक पहुंचाने वाली फूडटेक कंपनी जोमैटो अब केवल 10 मिनट में अपने ग्राहकों तक खाना पहुंचाना चाहती है मगर उसकी योजना डिलिवरी करने वालों, बाजार विशेषज्ञों, सोशल मीडिया यूजर्स और रेस्तरां को बिल्कुल नहीं सुहाई। जैसे ही उसने प्रायोगिक तौर पर इसे शुरू करने की घोषणा की, योजना की चौतरफा आलोचना शुरू हो गई।
डिलिवरी के लिए अंशकालिक (पार्ट टाइम) काम करने वालों की यूनियन के नेता शेख सलाउद्दीन कहते हैं, ‘जोमैटो को इन नई सेवाओं की वजह से होने वाले तनाव और दबाव को समझना चाहिए। उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि काम करने वाले लोग मशीन नहीं हैं। उनके कई डिलिवरी कर्मचारी दस घंटे से अधिक समय तक काम करते हैं और उनके लिए काम के अधिकतम घंटे भी तय नहीं किए जाते यानी यह नहीं बताया जाता कि डिलिवरी कर्मी अमुक घंटों तक ही लॉगइन कर सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘ये डेटा निकालने वाली कंपनियां एक मिनट में ऑर्डर की गई बिरयानी की संख्या के बारे में जानकारी देती हैं लेकिन उन दुर्घटनाओं के आंकड़े नहीं बतातीं, जो उनके डिलिवरी कर्मियों के साथ घटती हैं।’
कांग्रेस नेता और सांसद कार्ति चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा कि वह संसद में ऐसे कर्मियों का मुद्दा उठाएंगे। इसके बाद जोमैटो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि डिलीवरी पार्टनर को समय पर डिलिवरी करने के लिए न तो दंड दिया जाएगा और न ही प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, गोयल ने 30 मिनट की तुलना में 10 मिनट की डिलीवरी सेवा प्रणाली के बारे में बताने के लिए एक स्लाइड भी साझा की। उनकी योजना के अनुसार, इसमें रेस्तरां द्वारा ऑर्डर तैयार करने में 2-4 मिनट का समय लगेगा जबकि डिलिवरी साझेदारों को 20 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से 6 मिनट में 2 किलोमीटर तक की यात्रा करनी होगी।
हालांकि, इस प्रयोग में अहम कड़ी बनने वाले कुछ रेस्तरां ने इस वक्त जोमैटो के इस प्रयोग में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि रेस्तरां अपनी गुणवत्ता में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं और इसके बजाय वे ग्राहकों को ताजा भोजन की सेवाएं देने पर ध्यान देना चाहते हैं। ऐसे में जोमैटो स्थानीय स्तर का नेटवर्क केंद्र बनाने पर जोर देगी जहां रेस्तरां से ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाले खाने-पीने वाला सामान का स्टॉक होगा। समोसा पार्टी की सह-संस्थापक दीक्षा पांडे ने कहा, ‘शायद अन्य रेस्तरां ब्रांड भी इस सेवा से जुड़ेंगे। लेकिन मैं एक नया रेस्तरां ब्रांड चला रही हूं और ऐसे में इस समय इस तरह की जल्दबाजी बरतने वाली सेवाओं के साथ जोखिम नहीं ले सकती है। इसी वजह से हमने प्रायोगिक स्तर की सेवाओं में भी हिस्सा लेने के जोमैटो के प्रस्ताव के लिए ना बोल दिया है।’ हाल ही में समोसा पार्टी ने रिलायंस के समर्थन वाली वेंचर कैपिटल कंपनी कलारी कैपिटल से पूंजी हासिल की है। फास्ट फूड शृंखला वॉट-ए-बर्गर के सीईओ और सह-संस्थापक फरमान बेग कहते हैं, ‘हमारी तैयारी का समय 10-15 मिनट है क्योंकि हम खाने की ताजा सामग्री की सेवाएं देने की कोशिश करते हैं। अब हमें यह देखना होगा कि जोमैटो किस तरह ऐसी पेशकश कर सकती है ताकि खाने के सामान की गुणवत्ता भी बरकरार रहे। लेकिन अभी हम इस तरह की सेवा देने की स्थिति में नहीं हैं।’
