राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के मुंबई पीठ ने आज ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड से कहा कि वह इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएएलसी के कंपनी की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने के आग्रह पर विचार करे। इस आदेश के बाद बोर्ड के स्वतंत्र निदेशकों की आज शाम बैठक हुई, लेकिन यह समाचार लिखे जाने तक बेनतीजा रही।
यह बैठक भास्कर पंटुला मोहन और चंद्रभान सिंह के पीठ के निर्देश के बाद हुई है। पीठ ने कंपनी के बोर्ड से कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 100 के अनुपालन के लिए कहा। इस धारा में कहा गया है कि किसी भी कंपनी का बोर्ड कम से कम 10 फीसदी चुकता शेयर पूंजी वाले शेयरधारकों के आग्रह पर कंपनी की ईजीएम बुलाएगा। इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी की ज़ी एंटरटेनमेंट में 17.88 फीसदी हिस्सेदारी है। ज़ी एंटरटेनमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘इस मामले में कंपनी का बोर्ड कानून के हिसाब से तय अवधि में बैठक बुलाएगा। कंपनी शेेयरधारकों के हित में आवश्यक सभी कदम कानून के हिसाब से उठाती रहेगी।’
इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी। कानून के हिसाब से कंपनी को 10 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी वाले किसी शेयरधारक के आग्रह पर 21 दिन के भीतर ईजीएम की घोषणा करनी पड़ती है और 45 दिन के भीतर ईजीएम बुलानी होती है। ऐसा नहीं किए जाने पर आग्रह करने वाला तीन महीनों के भीतर खुद बैठक बुला सकता है। इस मामले में कंपनी के 2,50,000 से अधिक सार्वजनिक शेयरधारक हैं, इसलिए इन्वेस्को यह राह अख्तियार नहीं कर सकती थी।
ज़ी एंटरटेनमेंट की पैरवी करते हुए गोपाल सुब्रमण्यन ने पीठ को बताया कि यह हर मामले के तथ्यों पर निर्भर करता है कि कंपनी का बोर्ड ईजीएम बुलाना चाहता है या नहीं। इस पर पीठ ने कहा कि ईजीएम बुलाना या नहीं बुलाना बोर्ड की मर्जी नहीं होती।
कंपनी के बोर्ड ने ईजीएम की घोषणा नहीं की और ऐसी बैठक बुलाने की 21 दिन की मियाद खत्म होने जा रही है। ऐसे में इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया और न्यायाधिकरण से कंपनी को ईजीएम बुलाने का निर्देश देने के लिए दखल की मांग की।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इन्वेस्को की पैरवी करते हुए कहा कि एनसीएलटी में आने और उसके दखल की मांग की वजह यह है कि कंपनी उस सहजता से नहीं चल रही है, जिस तरह चलनी चाहिए। इसलिए वे ज़ी एंटरटेनमेंट के मौजूदा एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने और बोर्ड में कुछ स्वतंत्र निदेशकों को शामिल करने के लिए ईजीएम बुलाना चाहते हैं।
