ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने अपनी सबसे बड़ी शेयरधारक इन्वेस्को फंड की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) बुलाने की मांग आज खारिज कर दी। इन्वेस्को ने कंपनी के मौजूदा एमडी एवं सीईओ पुनीत गोयनका को हटाने और अपने छह नामितों को निदेशक मंडल में शामिल करने के लिए ईजीएम बुलाने की मांग कर रही थी।
ज़ी ने बोर्ड की बैठक के बाद एक बयान में कहा, ‘कंपनी की बैठक 1 अक्टूबर 2021 को हुई हुई, जिसमें बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा है कि यह आग्रह अनुचित और गैर-कानूनी है। इसलिए बोर्ड ने इन्वेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड और ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी को बता दिया कि ईजीएम नहीं बुलाई जा सकती।’
ओपेनहाइमर होल्डिंग्स के समर्थन वाले दोनों फंडों की ज़ी में 18 फीसदी हिस्सेदारी है। दोनों ने 11 सितंबर को भेजे पत्र में कंपनी प्रशासन में खामियों का हवाला देते हुए ज़़ी के बोर्ड से दो निदेशकों- मनीष चोखानी और अशोक कुरियन को हटाने को कहा था। इन दोनों निदेशकों ने 13 सितंबर को सालाना आम बैठक (एजीएम) से एक दिन पहले इस्तीफा दे दिया, लेकिन गोयनका बोर्ड में बने हुए हैं। इसके कुछ दिन बाद ही ज़ी ने प्रतिस्पर्धी सोनी पिक्चर्स के साथ विलय सौदे की घोषणा कर दी। इस सौदे के तहत सोनी बहुलांश हिस्सेदारी लेगी, जिससे ज़ी के सभी शेयरधारकों की हिस्सेदारी में कमी आएगी। लेकिन प्रवर्तक सुभाष चंद्रा परिवार ने विलय से बनने वाली कंपनी में अपनी 4 फीसदी हिस्सेदारी बनाए रखी है क्योंकि उन्हें सोनी से गैर-प्रतिस्पर्धी के रूप में दो फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी मिलेगी।
ज़ी ने आज अपने बयान में कहा कि उसका बोर्ड भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों और कंपनी अधिनियम एवं प्रतिस्पर्धा अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों समेत बहुत से कानूनों के तहत विभिन्न अनुपालन नहीं होने और कंपनी के सभी शेयरधारकों और हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस फैसले पर पहुंचा है।
विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से कानूनी जंग बढ़ेगी क्योंकि इन्वेस्को पहले ही राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में पहुंच चुकी है। इस पंचाट ने कल ही ज़ी के बोर्ड से कहा था कि वह ईजीएम पर विचार करने के लिए बैठक बुलाए। एनसीएलटी सोमवार को फिर मामले की सुनवाई करेगा।
बैंक अधिकारियों का कहना है कि इन्वेस्को के सामने यह विकल्प है कि वह अपने शेयर किसी अन्य प्रतिस्पर्धी टीवी नेटवर्क कंपनी को बेच दे और आने वाले शेयरधारक को ज़ी-सोनी के सौदे के लिए काउंटर ऑफर देने दे। एक वकील ने कहा कि खुद इन्वेस्को भी कंपनी के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश ला सकती है। ज़ी ने इन्वेस्को को भेजे पत्र में कहा कि सीईओ या निदेशक मंडल में किसी बदलाव के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से पहले स्वीकृति लेना जरूरी है।
