वित्तीय संकट से जूझ रही ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने आज कहा कि सोनी के रूप में उसे नया साझेदार मिला है। सोनी ने भारत में अपने मनोरंजन कारोबार का ज़ी केसाथ विलय करने पर सहमति जताई है। 2 अरब डॉलर की आय के साथ यह भारत का सबसे बड़ा मनोरंजन नेटवर्क बन जाएगा।
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल ने घोषणा की कि उसने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया के साथ गैर-बाध्यकारी करार को मंजूरी दी है। इसके तहत दोनों कंपनियों का विलय किया जाएगा और सोनी पिक्चर्स के प्रवर्तक एकीकृत इकाई में 1.57 अरब डॉलर का निवेश करेंगे।
एकीकृत इकाई में ज़ी एंटरटेनमेंट की शेयरधारिता करीब 47 फीसदी होगी और सोनी पिक्चर्स के प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 53 फीसदी होगी। ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के अनुमानित मौजूदा इक्विटी मूल्य के आधार पर सांकेतिक विलय अनुपात 61.25 फीसदी ज़ी एंटरटेनमेंट के पक्ष में है। ज़ी ने कहा कि सोनी द्वारा पूंजी निवेश के बाद एकीकृत इकाई में ज़ी एंटरटेनमेंट की हिस्सेदारी 47 फीसदी होगी। सोनी पिक्चर्स के प्रवर्तकों के पास एकीकृत इकाई के बोर्ड में बहुलांश निदेशकों को नियुक्त करने का अधिकार होगा, वहीं ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के मौजूदा मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका एकीकृत इकाई के सीईओ होंगे। लेकिन यह नियुक्ति एवं पारितोषिक समिति, बोर्ड और शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगा। एकीकृत इकाई का प्रबंधन बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
समझा जाता है कि ज़ी एंटरटेनमेंट के मौजूदा प्रवर्तकों और उनके सहबद्घों ने एकीकृत इकाई के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करने पर सहमति जताई है। सोनी इंडिया के प्रवर्तक इसके लिए सुभाष चंद्रा परिवार को एकीकृत इकाई में 2 फीसदी हिस्सेदारी हस्तांतरित करेंगे, जिससे कंपनी में चंद्रा परिवार की हिस्सेदारी 4 फीसदी हो जाएगी। समझौते के अनुसार चंद्रा के पास अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 20 फीसदी करने का विकल्प होगा। चंद्रा परिवार ने ज़ी में अपने शेयर प्रवर्तक इकाइयों द्वारा लिए गए 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए बेच दिया था। पुनीत गोयनका ने कहा, ‘हम पिछले कई महीनों से सोनी के साथ बातचीत कर रहे थे, जिसके बाद इस सौदे पर सहमति बनी।’ उन्होंने कहा कि सौदे के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और सेबी से मंजूरी लेनी होगी। ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि समूचा सौदा दोनों पक्षों द्वारा स्वतंत्र मूल्यांकन पर निर्भर करेगा। इस सौदे की खबर से ज़ी एंटरटेनमेंट का शेयर 32 फीसदी चढ़कर 337 रुपये पर बंद हुआ।
मौजूदा भाव के आधार पर ज़ी का बाजार मूल्य 32,378 करोड़ रुपये हो गया है।
विश्लेषकों ने कहा कि इस सौदे से भारत में मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में एक दिग्गज कंपनी तैयार होगी जिसका सालाना कारोबार 15,000 करोड़ रुपये का होगा। ज़ी एंटरटेनमेंट ने पिछले वित्त वर्ष में 1,015 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था और उसकी आय 7,730 करोड़ रुपये रही थी। ज़ी के खाते में 1,853 करोड़ रुपये नकद है। दूसरी ओर सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया ने पिछले साल 976 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था और उसकी आय 5,846 करोड़ रुपये थी। मार्च 2020 तक उसके खाते में 11,000 करोड़ रुपये की नकदी थी। कंपनी का ताजा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस सौदे में शेयरधारकों के साथ अलग व्यवहार को लेकर कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सुभाष चंद्रा परिवार को सोनी के प्रवर्तकों की ओर से अतिरिक्त 2.1 फीसदी हिस्सेदारी गैर-प्रतिस्पर्धा के लिए देने की बात कही गई है। आरबीएसए एडवाइजर्स में प्रबंध निदेशक और सह-प्रमुख (मूल्यांकन) रविशु शाह ने कहा, ‘यह देखना दिलचस्प होगा कि नियामक और संस्थागत शेयरधारक गैर-प्रतिस्पर्धी व्यवस्था को लेकर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं। सेबी की अधिग्रहण संहिता प्रवर्तक और आम शेयरधारकों के बीच अगल-अलग व्यवहार की अनुमति नहीं देता है।’
यह सौदा ऐसे समय में हो रहा है जब ज़ी एंटरटेनमेंट के बड़े शेयरधारक इनवेस्को ने पुनीत गोयनका को सीईओ और प्रबंध निदेशक के पद से हटाने के लिए तीन हफ्ते के अंदर असाधारण आम बैठक बुलाने की मांग की थी। इनवेस्को के पास कंपनी में 18 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके साथ ही प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म द्वारा कंपनी में कारोबार संचालन की खामियां उजागर करने के बाद कंपनी के दो निदेशकों मनीष चोखानी और अशोक कूरियन ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बोर्ड ने बाद मेंं दोनों निदेशकों का समर्थन किया था।
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के चेयरमैन आर गोपालन ने कहा कि ज़ी के बोर्ड ने विलय प्रस्ताव की रणनीतिक समीक्षा की है। बोर्ड ने सभी शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से सैद्घांतिक मंजूरी दी है।
