भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने निजी क्षेत्र के ऋणदाता येस बैंक को टियर-2 बॉन्डों पर ब्याज भुगतान (कूपन) से प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि उसका पूंजी पर्याप्तता अनुपात नियामकीय सीमा से नीचे है।
येस बैंक ने बैंकिंग क्षेत्र के नियामक आरबीआई से अनुरोध किया था कि उसे अपर टियर-2 बॉन्डों के लिए 29 जून, 2020 को देय ब्याज के भुगतान की अनुमति दी जाए। ये अनसिक्योर्ड नॉन-कन्वर्टीबल अपर टियर-2 बॉन्ड 10.25 प्रतिशत की कूपन दर के हैं।
बैंक का कुल पूंजी पर्याप्तता अनुपात 6.3 प्रतिशत के कॉमन इक्विटी टियर-1 (सीईटी 1) के साथ मार्च 2020 के अंत में 8.5 प्रतिशत पर था। पूंजी पर्याप्तता अनुपात 11.5 प्रतिशत की नियामकीय शर्त से नीचे है।
येस बैंक का शेयर बीएसई पर 0.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 27.75 रुपये पर बंद हुआ।
बैंक ने एक्सचेंजों को बताया कि आरबीआई ने देय ब्याज भुगतान के लिए बैंक के अनुरोध को स्वीकार करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है, क्योंकि बैंक ने मौजूदा समय में न्यूनतम पूंजी शर्त को पूरा नहीं किया है। इसलिए बैंक संबद्घ अपर टियर-2 बॉन्डों पर ब्याज या कूपन का भुगतान करने में सक्षम नहीं होगा। देय ब्याज राशि और शेष बकाया को निर्धारित नियामकीय शर्त को ध्यान में रखते हुए बाद में चुकाया जाएगा।
बैंक ने पूंजी पर्याप्तता अनुपात बढ़ाने के लिए इक्विटी पूंजी जुटाने, वृद्घि को मजबूत बनाने और कोविड-19 को ध्यान में रखकर बफर तैयार करने की योजना बनाई है। इसके शेयरधारकों ने 15,000 करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
बाजार से इस पूंजी उगाही को आंतरिक स्रोतों से भी मदद मिलेगी। बैंक ने फंसे कर्ज के समाधान और परिसंपत्तियों की बिक्री के जरिये भी वित्तीय स्थिति मजबूत बनाने की योजना बनाई है।
