ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन देश में अपने कारोबार का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। फिलहाल कंपनी भारत में ऐपल के लिए आईफोन बनाती है। उसने दिल्ली की ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत विस्ट्रॉन अन्य कंपनियों के लिए मोबाइल उपकरण, आईटी हार्डवेयर और दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण सहित इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में भी उतरने की संभावना तलाशेगी। 30 अरब डॉलर वाली मूल डिजाइन विनिर्माता (ओडीएम) विस्ट्रॉन के लिए इलेक्ट्रिक वाहन का क्षेत्र नया नहीं है। कंपनी ने कई साल पहले चीन की वाहन कंपनी नियो के साथ कार का इलेक्ट्रिक कंट्रोल सिस्टम बनाने के लिए गठजोड़ किया था।
ऑप्टिमस भारत सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोाबइल उपकरणों और आईटी हार्डवेयर के लिए लाभ पाने की पात्र है। इस गठजोड़ के तहत विस्ट्रॉन दुनिया भर में अपने ग्राहकों के लिए किफायती दाम वाले उत्पाद बनाने का फायदा उठा सकती है। दोनों कंपनियों ने कहा कि रणनीतिक गठजोड़ के तहत टैबलेट, लैपटॉप, इयरफोन, दूरसंचार उत्पादों, आईओटी, स्मार्ट मीटर और ईवी उत्पादों का डिजाइन और विनिर्माण किया जाएगा। विस्ट्रॉन के साथ साझेदारी के तहत ऑप्टिमस पांच साल में 1,350 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और उसका लक्ष्य 38,000 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने की है। विस्ट्रॉन स्मार्ट डिवाइसेस के अध्यक्ष और मुख्य कार्याधिकारी डेविड शेन ने कहा, ‘हम भारतीय साझेदार के साथ कारोबार का विस्तार करना चाहते हैं। पीएलआई ईको सिस्टम विकसित करने में आने वाली अड़चनों को दूर करने में अहम साबित हो सकता है। यह अपने भारतीय साझेदार के साथ सहयोग बढ़ाने का समय है।’
विस्ट्रॉन का कर्नाटक में ऐपल इंक के लिए विशिष्ट विनिर्माण संयंत्र है और पीएलआई योजना के तहत रियायत पाने की हकदार वैश्विक कंपनियों में यह भी शामिल है। अन्य वैश्विक कंपनियों में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और सैमसंग प्रमुख हैं। विस्ट्रॉन श्याओमी, डेल और ऐसर के लिए भी भारत में लैपटॉप बनाती है। सूत्रों ने कहा कि विस्ट्रॉन ने अगस्त 200 से इस साल मार्च तक 1,250 करोड़ रुपये का निवेश किया है जो पीएलआई के तहत आवश्यक 25 फीसदी निवेश की प्रतिबद्घता से कहीं अधिक है।
फॉक्सकॉन की तरह विस्ट्रॉन ने पीएलआई के लिए दो अलग-अलग आवेदन – एक ऐपल के लिए और दूसरा ऐपल के अतिरिक्त विनिर्माण के लिए – नहीं किए हैं। लेकिन कंपनी नए गठजोड़ के तहत प्रतिस्पर्धी ब्रांडों के लिए भी फोन का विनिर्माण कर सकती है। कंपनी का ऑप्टिमस के साथ पहले अग्रणी वैश्विक ब्रांडों के लिए मोबाइल फोन बनाने के लिए संयुक्त उपक्रम था। ऑप्टिमस के प्रवर्तक अशोक गुप्ता ने कंपनी में विस्ट्रॉन की 19.91 फीसदी हिस्सेदारी इस साल खरीद ली थी क्योंकि ज्यादातर ब्रांडों ने चीन और कोरियाई कंपनियों से मिल रही टक्कर के कारण उत्पादन घटा दिया था या बंद कर दिया था। ऑप्टिमस के प्रबंध निदेशक ए गुरुराज ने कहा, ‘विस्ट्रॉन के साथ हमारा लंबा संबंध रहा है लेकिन यह केवल मोबाइल उपकरणों के विनिर्माण तक ही सीमित था। अब हम इसे आगे बढ़ते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का दायरा बढ़ाएंगे। इसके साथ ही हम भारत को डिजाइन का केंद्र बनाने जा रहे हैं।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि विस्ट्रॉन फिर कंपनी में हिस्सेदारी खरीद सकती है।
