मिडकैप आईटी सेवा कंपनी माइंडट्री ने वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के लिए शुद्ध लाभ में 34 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप स्थिर मुद्रा पर 5.2 फीसदी की क्रमिक वृद्धि भी दर्ज की है। कंपनी ने यह भी बताया गया है कि तिमाही के लिए उसका ऑर्डर बुक 35.8 करोड़ डॉलर रहा। माइंडट्री के सीईओ एवं एमडी देवाशिष चटर्जी ने शिवानी शिंदे से बातचीत में मांग परिदृश्य, बाजार की प्रतिक्रिया आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
तीसरी तिमाही में आपका प्रदर्शन बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप रहा जबकि शुरुआती कारोबार में कंपनी का शेयर करीब 5 फीसदी लुढ़क गया था। क्या आपको लगता है कि वृद्धि की रफ्तार की झलक बाजार के प्रदर्शन में नहीं दिख रही है?
मैं नहीं जानता कि इस पर टिप्पणी कैसे करूं। लेकिन मैं समझता हूं कि जहां तक हमारा सवाल है तो लाभप्रद वृद्धि के लिए हमारी कहानी काफी सुसंगत रही है। यह स्थिर मुद्रा पर 5 फीसदी से अधिक क्रमिक वृद्धि के साथ चौथी तिमाही है। वास्तव में पिछली पांच तिमाहियों के दौरान हमने वृद्धि के साथ उचित तालमेल बिठाया है। हमने 20 फीसदी से अधिक एबिटा स्तर को बरकरार रखा। इसलिए कुल मिलाकर हम जो हासिल करना चाहते थे उससे काफी खुश हैं। हमारी रणनीति काफी अच्छे तरीके से काम कर रही है और ग्राहकों को आकर्षित करने की रणनीति अच्छी रही है। इसलिए मैं समझता हूं कि ये काफी दमदार बातें हैं। मुझे विश्वास है कि वे (बाजार) इस बात को समझेंगे क्योंकि हम आगे बढ़ रहे हैं उसकी झलक सही तरीके से मिलनी चाहिए।
माइंडट्री की वृद्धि को कहां से रफ्तार मिली?
हमारी पाइपलाइन काफी मजबूत रही है और पिछली कई तिमाहियों से उसमें वृद्ध हो रही है। यदि आप इस साल अब तक के ऑर्डर बुक पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि वह 1.2 अरब डॉलर हो चुका है जो सालाना आधार पर 21 फीसदी अधिक है। ऑर्डर बुक के मोर्चे पर हमने कई विशेषताओं पर गौर किया है। पहला, सौदे की प्रकृति डिजिटल बदलाव संबंधी है। इस प्रकार के बदलाव वाले सौदों में वृद्धि की गुंजाइश काफी लंबी होती है और क्रमिक आधार पर वे बड़े रणनीतिक सौदों में बदल जाते हैं। दूसरा, मैं कहना चाहूंगा कि हम अपने ग्राहकों के साथ जो काम करते हैं वह राजस्व को अधिकतम करने की श्रेणी में है। इसका मतलब साफ है कि उससे ग्राहकों के राजस्व में सुधार होगा क्योंकि वे अपने कारोबारी मॉडल पर नए सिरे से विचार करते हैं।
आपूर्ति पक्ष की बाधाओं और नियुक्तियों में वृद्धि के बावजूद आप मार्जिन को नियंत्रित
करने में सफल रहे। इस पर आप क्या कहेंगे?
मार्जिन का प्रबंधन किसी एक तिमाही का काम नहीं है बल्कि यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। हमने पिछली कई तिमाहियों के दौरान जो काम किया है यह उसी का नतीजा है। आज आप जो देख रहे हैं वह कुछ और नहीं बल्कि मार्जिन के लिए विभिन्न रणनीतियों का संयोजन है।
माइंडट्री में कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे की दर अभी भी काफी अधिक है। इसमें नरमी कब आएगी?
यह निकट भविष्य में हमारे लिए एक चुनौती है। अगली दो से तीन तिमाहियों के दौरान कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे के मोर्चे पर थोड़ा दबाव दिख सकता है। लेकिन मैं केवल इतना कहना चाहूंगा कि आपको आंतरिक तौर पर भी काफी कुछ करने की जरूरत है और फ्रेशर की नियुक्ति उनमें से एक है। हमने भूमिकाओं में बदलाव, करियर विकास अथवा करियर के लिए अवसर आदि कई पहल की है। हम पर्याप्त संख्या में फ्रेशर और बाजार से नियुक्ति करना चाहते हैं। अगले वित्त वर्ष के दौरान हम वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 40 से 50 फीसदी अधिक फ्रेशरों की नियुक्ति करेंगे।