बीएस बातचीत
ट्रस्ट रूट के जरिये उत्तराधिकार योजना की घोषणा के करीब दो दिन बाद वित्तीय सेवा प्रदाता श्रीराम ग्रुप के संस्थापक आर त्यागराजन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि समूह अगले दशक में अपना आकार दो से तीन गुना तक बढ़ाने में सक्षम होगा। शाइन जैकब को दिए साक्षात्कार में उन्होंने समूह कंपनियों के आगामी पुनर्गठन, नए बोर्ड, कोविड के बाद उद्योग की स्थिति के बारे में विस्तार से बातचीत की। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
समूह के भविष्य के लिहाज से प्रबंधन बोर्ड की नियुक्ति कितनी महत्वपूर्ण है?
प्रबंधन बोर्ड पूरे समूह की विकास रणनीति की कमान संभालेगा और जरूरतमंदों को वित्त मुहैया कराने के समूह के मिश को आगे बढ़ाएगा। कई हितधारकों ने हमसे कहा है कि उत्तराधिकार योजना को लेकर कई अनिश्चितताएं और चिंताएं हैं, और यह बोर्ड इन चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है। समूह के स्वामित्व को किसी एक व्यक्ति के बजाय कुछ प्रमुख अधिकारियों के हाथों में सौंपने की योजना है। सामूहिक निर्णय लेने की यह व्यवस्था कुछ ऐसी है जो श्रीराम में लंबे समय के लिए काम कर रही है। यह एक तरह की विविधता है, लेकिन हमारे व्यवसायों की अंतर-संबंद्घ प्रवृत्ति से सामूहिक प्रबंधन की पुष्टि हुई है, जिसमें हरेक सदस्य अपनी दक्षता का इस्तेमाल कर सकता है, अपनी क्षमता साबित कर सकता है और टिकाऊ और सफल संगठन निर्माण के साझा लक्ष्य के साथ मिलकर काम कर सकता है।
वर्ष 2030 तक आकार और राजस्व के संदर्भ में आप समूह को कहां देखना चाहेंगे? भविष्य में समूह के लिए आपका क्या नजरिया है?
हमने 100,000 रुपये की पूंजी के साथ गु्रप की शुरुआत की थी और आज हम 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कोष का प्रबंधन करते हैं। मैं इस तथ्य को लेकर ज्यादा उत्साहित हूं कि हमने वास्तविक एयूएम के मुकाबले 2.1 करोड़ ग्राहकों की जरूरतें पूरी की हैं। हमारे पास ज्यादा सेवाएं नहीं हैं और इसके बजाय हमने कुछ ऐसे मुख्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित किया है जो वाकई हमारे
मौजूदा ग्राहक आधार के लिए जरूरी हैं। हम कुछ खस सेगमेंटों, कमर्शियल व्हीकल लोंस, दो-व्हीलर और एसएमई लोन में अग्रणी रहेंगे और अपनी मजबूत रफ्तार बरकरार रखेंगे।
आपके हिसाब से आपकी कंपनी के लिए आगामी पुनर्गठन कितना महत्वपूर्ण है?
मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता के हिसाब से पिछले चार-पांच साल से परामर्श और मार्गदर्शन की जिम्मेदारी निभाई है और आगे भी निभाऊंगा। संगठन स्तर पर, पुनर्गठन एक निवर्तमान प्रक्रिया है। हम इस पर बातचीत की प्रक्रिया में हैं और और कुछ पुनर्गठन आगामी महीनों में हो सकता है। हालांकि अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है और हम इस संबंध में कुछ पुख्ता जानकारी मिलने पर मीडिया और सभी हितधारकों को सूचित करेंगे।
मार्गदर्शक के तौर पर आप आगामी क्या संभावनाएं देख रहे हैं?
श्रीराम गु्रप ने पिछले 40 साल से वाणिज्यिक वाहनों, 20 वर्षों से दोपहिया, 15 साल से जीवन बीमा और करीब 12 साल से सामान्य बीमा क्षेत्र के लिए ऋण मुहैया कराया है। प्रत्येक वर्टिकल ने अच्छा प्रदर्शन किया है, हालांकि समूह का मुख्य ध्यान संपत्ति निर्माण पर कभी केंद्रित नहीं रहा, बल्कि समुदाय सेवा करने पर रहा। इसका असर उन व्यवसायों में दिखा है, जिनमें हम कई वर्षों से हैं। जब हमने शुरुआत की थी, ट्रक ऑपरेटर 40-50 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ असंगठित क्षेत्र से ऋण लेने को मजबूर थे और हम न सिर्फ उन्हें उचित दरों पर ऋण मुहैया कराने बल्कि उनकी बेहतरी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के भी अवसर तलाश रहे थे। आज हम दावा कर सकते हैं कि हम बड़ा बदलाव लाने में कामयाब रहे हैं और 20 लाख से ज्यादा ट्रक ऑपरेटरों को सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।
वित्तीय सेवा उद्योग के नजरिये से, आप कोविड के बाद कैसा परिवेश देख रहे हैं?
वित्तीय सेवा उद्योग हमेशा से किसी आर्थिक बूम का प्रतिकूल हालात में सबसे आगे रहा है। यह प्रभावित होने वालों में पहला क्षेत्र है। श्रीराम गु्रप के लिए, दो प्रमुख व्यवसाय वाहन उद्योग- वाणिज्यिक वाहन और दोपहिया से संबंधित हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान वाहन बिक्री में ठहराव की वजह से वाहन उद्योग (उधारी और बीमा, दोनों) प्रभावित हुआ है।