वाणिज्यिक जल शोधन संयंत्र लगाने वाली कंपनी वाकॉर्प हुंदई इंडिया लिमिटेड ने भी घरेलू वाटर प्योरिफायर के मैदान में कदम रखा है। कंपनी ने घरेलू वाटर प्योरिफायर उतार दिए हैं।
कोरिया की हुंदई वाकॉर्टेक कंपनी लिमिटेड के साथ तकनीकी करार करने वाली इस कंपनी ने पेटेंटेड प्रौद्योगिकी वाले वाटर प्योरिफायर बाजार में उतारे हैं। कंपनी के चेयरमैन कपिल गुप्ता ने दावा किया कि मेंब्रेन तकनीक पर आधारित वाटर प्योरिफायर लेकर उनकी कंपनी ही पहली बार भारत में आई है। इससे उन्हें 500 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है।
देश में घरेलू वाटर प्योरिफायर का संगठित बाजार लगभग 1500 करोड़ रुपये का है और हर साल इसमें तकरीबन 20 फीसद का इजाफा हो रहा है। यूरेका फोर्ब्स का इस बाजार के 60 फीसद हिस्से पर कब्जा है। लेकिन गुप्ता के मुताबिक उनकी कंपनी मेंब्रेन तकनीक पर आधारित उत्पादों के जरिये अगले 5 से 7 वर्षों में इस बाजार का 25 फीसद हिस्सा हासिल कर लेगी।
कंपनी ने इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई कंपनी इको नोवा लिमिटेड के साथ करार भी किया है, जिसके जरिये वह पानी और इस्तेमाल हुए पानी के शोधन का कारोबार शुरू करेगी। वाकॉर्प हुंदई के प्रबंध निदेशक अनुपम जोशी ने बताया, ‘ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को इसमें महारत हासिल है और उसकी मदद से कंपनी को इस क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने की उम्मीद है।’