देश में वीजा इन दिनों अपने ब्रांड की पहचान में बदलाव लाने में लगी हुई है। कंपनी केवल कार्ड भुगतान इकाई की पहचान से बाहर निकलकर खुद को पेमेंट्स नेटवर्क और डिजिट पेमेंट्स के क्षेत्र में एक खिलाड़ी के तौर पर दिखना चाहती है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए वीजा के नीले और सुनहरे कार्डों में बदलाव कर इसे डिजिटल तौर पर उपभोक्ताओं के लिए अधिक आकर्षक बनाया जाएगा। कंपनी ने एक वक्तव्य में कहा कि इसके साथ साथ वीजा अलग अलग ब्रांड चिह्नों और पीओएस चिह्नों के बजाय समूचे भुगतान परितंत्र में सभी टच प्वाइंटों के लिए एक मानक प्राथमिक चिह्न लाएगी।
इस ब्रांड परिवर्तन पहल के जरिये वीजा अपने भारतीय उपयोगकर्ताओं के बड़े आधार को ब्रांड के गतिशील और प्रगतिशील छवि से परिचित कराएगी। वीजा की नई ब्रांड पहचान देश में नजर आने लगेगी और इसका जोर पहुंच में विस्तार करने और डिजिलट भुगतान की ओर उन्मुख करने पर होगा। यहां पर 85 फीसदी से अधिक भुगतान नकद में होता है। कंपनी ने कहा कि तकनीक के आने से भारत मे कैशलेस लेनदेन में उछाल देखी गइ है और महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन तथा कठोर सामाजिक दूरी नियामों के कारण इसमें और तेजी आई।
यह एकमात्र ऐसी कार्ड भुगतान कंपनी है जिस पर घरेलू लेनदेनों के लिए भारत में डेटा सुरक्षित करने के मसले को लेकर नए कारोबार शुरू करने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मास्टरकार्ड जैसी इसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों पर भुगतान प्रणाली नियमों के डेटा सुरिक्षत करने के नियम का अनुपालन नहीं करने पर प्रतिबंध लगाया है। केवल विगत पांच वर्षों में ही वीजा इंक ने वाणिज्य के भविष्य को आकार देने, बाजार में विभिन्न प्रकार के उत्पाद लाने, सेवाओं और सुविधाओं के लिए नौ अरब डॉलर का निवेश किया है।