भारत से दक्षिण-पूर्व एशिया के मलेशिया जाने वाले पर्यटनों की संख्या में 20 से 40 प्रतिशत की कमी हो सकती है।
1 अगस्त से लागू मलेशिया सरकार की भारतीय पर्यटकों के लिए मलेशिया में आगमन पर वीजा सुविधा पर रोक के चलते पर्यटकों का रुझान इस तरफ कम होने की उम्मीद है। मलेशियाई सरकार का मानना है कि इस सुविधा का फायदा उठाया जा रहा है, जिसमें भारतीय पर्यटक वहां अधिक अवधि के लिए ठहरते हैं और सुरक्षा की चिंता के चलते सरकार ने आगमन पर वीजा की सुविधा को समाप्त कर दिया है।
मलेशिया पर्यटन विभाग ने इस साल के लिए 5,00,000 भारतीय पर्यटकों का लक्ष्य तय किया था, जो पिछल वर्ष में 4,20,000 भारतीय पर्यटकों के मुकाबले 51 प्रतिशत अधिक है। पर्यटन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ इसका सीधा असर भारत से मलेशिया जाने वाले पर्यटन पर देख रहे हैं और इससे मलेशिया जाने वाले पर्यटक अन्य दक्षिण-पूर्वी पर्यटन स्थलों जैसे थाइलैंड, हाँग-काँग, श्रीलंका, मॉरिशस और सिंगापुर की ओर आकर्षित होंगे।
मुंबई के पर्यटन कंसलटेंट कार्ल दंतास का कहना है, ‘यहां थाईलैंड जैसे कई देश हैं, जहां खर्च किए गए पूरे पैसे वसूल हो जाते हैं और यहां प्रतिबंधी वीजा से संबंधित शर्तें भी नहीं हैं।’ भारतीय पर्यटकों की दक्षिण-पूर्वी एशिया की पर्यटन फेहरिस्त में मलेशिया 25 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि सिंगापुर पहले और थाईलैंड दूसरे स्थान पर हैं।
पिछले कुछ वर्षों में भारत से मलेशिया जाने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा था, जिसकी अहम वजह कम रोक-टोक वाली वीजा की शर्तों और खर्च किए गए पैसों की पूरी वसूली के रूप में देश को सामने लाना था। पर्यटन एजेंट पर्यटकों की संख्या में कमी देख रहे हैं, खासतौर पर लीजर पर्यटन क्षेत्र में जो भारत से मलेशिया की ओर पर्यटन का लगभग 70 फीसद हिस्सा है।
दंतास का कहना है, ‘हम मौजूदा बुकिंग में कम से कम 30 प्रतिशत की गिरावट देख रहे हैं और ग्राहक थाइलैंड के लिए अतिरिक्त रातें अपने पैकेज में शामिल करना चाहते हैं।’ पर्यटन एजेंटों को चिंता है कि मलेशियाई सरकार के इस कदम का असर उनके कारोबारों पर भी पड़ सकता है।
कुछ वर्ष पहले ही मलेशिया की सरकार ने वीजा शर्तों को कुछ नरम किया था। ट्रैवल एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव अजय प्रकाश का कहना है, ‘मलेशियाई वीजा को पहले पाने में मशक्कत करनी पड़ती थी। सराकार ने शर्तों को कुछ नरम किया था और इसलिए मलेशिया जाने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ था।
अब दोबारा अगर मलेशियाई सरकार आगमन के साथ वीजा की सुविधा से अलग हटना चाहती है तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। संख्या में कमी दिवाली के साथ ही शुरू हो जाएगी।’ लेकिन मलेशियाई सरकार का कहना है कि इसका असर बहुत कम होगा। टूरिज्म मलेशिया के निदेशक (भारत) के पी मनोहरन का कहना है, ‘आगमन पर वीजा की सुविधा लेने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम है।
असली पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और वीजा हासिल करना भी आसान होगा, क्योंकि हम तीन कार्य दिवस में उन्हें वीजा दे सकेंगे।’ उनका कहना है कि पहले आगमन पर वीजा की सुविधा की व्यवस्था से देश में कानूनी प्रवेश की गारंटी नहीं होती थी।