भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दूरसंचार क्षेत्र द्विध्रुवीय न होने पाए। मित्तल ने उम्मीद जताई कि सरकार और नियामक दूरसंचार क्षेत्र में व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे ताकि यह निवेश के लिए एक व्यवहार्य क्षेत्र बरकरार रहे।
मित्तल ने कहा कि दूरसंचार उद्योग को अपना मौजूदा 3+1 ढ़ांचा बरकरार रखने के लिए काफी मदद की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की भूमिका कहीं अधिक व्यापक हो गई है और इसलिए इसकी चुनौतियां भी बड़ी हो गई हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए एयरटेल की वार्षिक रिपोर्ट में मित्तल ने कहा कि विरासत संबंधी कानूनी मुद्दों के साथ-साथ अत्यधिक पूंजी निवेश वाले परिवेश में कम रिटर्न और अस्थिर मूल्य निर्धारण जैसे मुद्दों ने इस क्षेत्र की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा, ‘उद्योग को अपना मौजूदा 3+1 ढ़ांचा बरकरार रखने के लिए लंबे समय तक मदद की आवश्यकता है। साथ ही कंपनियों को निवेश पर एक सम्मानजनिक रिर्टन अर्जित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।’
मित्तल ने कहा कि भारत दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था में वैश्विक अग्रणी देश बनाने का अवसर मौजूद है। हमें इन अवसरों को भुनाने के लिए नीतियों को लगातार विकसित करने की आवश्यकता है। साथ ही निवेश, उद्यमशीलता और नवाचार को सहयोग के जरये बढ़ावा देने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘एयरटेल अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।’
पिछले 25 वर्षों के दौरान दूरसंचार क्षेत्र भारत और उसकी अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के लिए एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। मित्तल ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान भी इस क्षेत्र ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई और एक अरब से अधिक लोगों को आपसी संपर्क बरकरार रखने में मदद की। उन्होंने इसे एक उत्कृष्ट उपलब्धि करार दिया।
मित्तल ने कहा, ‘हम हमेशा बरकरार रहने वाली चुनौतियों के बीच वित्तीय समझदारी दिखाते हुए अपनी रणनीति को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’ कंपनी के बहीखाते की मजबूती लगातार बरकरार है जिससे वृद्धि के लिए रणनीतिक तौर पर निवेश जारी रखने की गुंजाइश बनती है।