भारत में धातुओं की अगुआई में होने वाले मजबूत बढ़त के परिदृश्य के साथ अनिल अग्रवाल की वेदांत लिमिटेड विभिन्न कारोबारों मे 20 अरब डॉलर तक निवेश पर विचार कर रही है, जिसमें चांदी का उत्पादन दोगुना करना और स्टील की क्षमता में दोगुनी करना शामिल है।
अग्रवाल ने पिछे महीने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कंपनी की योजना तीन साल में 5 अरब डॉलर के पूंजीगत खर्च की है। कंपनी ने हालांकि 20 अरब डॉलर के निवेश की समयसीमा के बारे में नहीं बताया है। मंगलवार को वेदांत रिसोर्सेस लिमिटेड के संस्थापक व चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, एल्युमीनियम में हम पहले ही भारत के सबसे बड़े उत्पादक हैं। चांदी का उत्पादन दोगुना करने का हमारा इरादा है क्योंकि यह न सिर्फ बहुमूल्य धातु है बल्कि हाईटेक इंडस्ट्री व अक्षय ऊर्जा में भी इसका इस्तेमाल होता है। स्टील में भी हमारा इरादा उत्पादन क्षमता दोगुना करने का है।
अग्रवाल वेदांत की 56वीं सालाना आम बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्षों मे कंपनी ने सरकारी खजाने में 2.7 लाख करोड़ रुपये का योगदान किया है। उन्होंने कहा, फेकर व उसके फेरो एलॉय कारोबार का अधिग्रहण हमारा विशाखन और भविष्य की तैयारी का एक और उदाहरण है।
तेल की मांग पर उन्होंने कहा, वेदांत तेल व गैस का देसी उत्पादन 50 फीसदी बढाऩे पर विचार कर रही है ताकि मांग पूरी हो सके। कंपनी ने अब तक का सबसे ज्यादा एबिटा 27,341 करोड़ रुपये दर्ज किया है, जो सालाना आधार पर 30 फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का राजस्व 86,863 करोड़ रुपये था, जो सालाना आधार पर 4 फीसदी ज्यादा है।
इंटरनैशनल फाइनैंस कॉरपोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, वेदांत का परिचालन भारत की जीडीपी में 1 फीसदी का योगदान करता है।