देश में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर दिग्गज कंपनी वेदांत लिमिटेड उनके ही गृह राज्य गुजरात से अपनी परियोजना शुरू करने जा रही है। दो सूत्रों ने बताया कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के साथ वेदांत के 20 अरब डॉलर के साझे उपक्रम के तहत यह पहला अहम कदम होगा।
पहले सूत्र ने बताया कि वेदांत को सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने के लिए गुजरात से वित्तीय एवं गैर-वित्तीय सब्सिडी मिल चुकी है, जिसमें पूंजीगत खर्च और सस्ती बिजली शामिल हैं। आधिकारिक घोषणा से पहले अपना नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर सूत्र ने बताया कि परियोजना के तहत अहमदाबाद के समीप डिस्प्ले एवं सेमीकंडक्टर संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
छूट और रियायत के लिए कोशिश करते समय वेदांत ने इस परियोजना के लिए 1,000 एकड़ (405 हेक्टेयर) भूमि 99 साल के मुप्त पट्टे पर मांगी थी। साथ ही उसने 20 साल के लिए रियायती दरों पर बिजली एवं पानी उपलब्ध कराने की मांग की थी।
वेदांत के प्रवक्ता ने इस मसले पर भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। फॉक्सकॉन के प्रवक्ता से तुरंत प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। गुजरात के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के कार्यालय के एक अन्य अधिकारी ने भी इस पर कुछ कहने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि इस सिलसिले में दोनों पक्षों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर इसी हफ्ते होने की संभावना है, जिसके बाद इसकी औपचारिक घोषणा भी कर दी जाएगी।
वेदांत-फॉक्सकॉन की इस मेगा परियोजना अपने यहां लाने के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक भी कोशिश कर रहे थे। मगर पिछले कुछ हफ्तों में आखिरी दौर की बातचीत में गुजरात ने महाराष्ट्र को
पछाड़कर वेदांत की महत्त्वाकांक्षी परियोजना अपने पाले में खींच ली।
भारत में सेमीकंडक्टर का बाजार 2020 में करीब 15 अरब डॉलर का था। सरकार का अनुमान है कि यह बाजार 2026 तक बढ़कर 63 अरब डॉलर हो सकता है।
दुनिया में ज्यादातर चिप उत्पादन ताइवान समेत कुछ देशों में ही होता है। भारत इस क्षेत्र की कंपनियों को अपने यहां आकर्षित करने के लिए खासा सक्रिय है। देश को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के नए दौर में ले जाने के लिए सेमीकंडक्टर की बिना रुकावट आपूर्ति सुनिश्चित करना आवश्यक है।
तेल से लेकर धातु क्षेत्र में कारोबार करने वाली अग्रणी कंपनी वेदांत ने फरवरी में अपने कारोबार को विविध करते हुए चिप विनिर्माण में उतरने का निर्णय लिया था। इसी क्रम में उसने फॉक्सकॉन के साथ संयुक्त उद्यम की स्थापना की है।
