मान्यवर, मोहे और मेबाज जैसे ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली वेदांत फैशंस की योजना अगले कुछ वर्षों में रिटेल फ्लोर स्पेस दोगुना कर 20लाख वर्ग फुट करने की है।
वेदांत फैशंस के प्रमुख (रिटेल बिजनेस डेवलपमेंट ऐंड प्रोजेक्ट्स) आरिफ रजा ने कहा, हमारे पास अभी 11 लाख वर्गफुट जगह है और अगले कुछ वर्षों में हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 20 लाख वर्गफुट करने का है।
कंपनी के ज्यादातर एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट का परिचालन फ्रैंचाइजी के जरिए होता है। कंपनी की तरफ से सेबी के पास जमा कराए गए विवरणिका के मसौदे में कहा गया है कि 30 जून, 2021 को उसके 300 से ज्यादा फ्रैंचाइजी और 537 एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स थे, जो 207 भारतीय शहरों व आठ वैश्विक शहरों में करीब 11 लाख वर्गफुट में फैले हुए हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 में 90.14 फीसदी बिक्री फ्रैंचाइजी स्वामित्व वाले एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट्स में हुई। इसके अतिरिक्त वेदांत की 60 फीसदी खुदरा रिटेल स्पेस टियर-2 व टियर-3 शहरों में है, वहीं बाकी टियर-1 शहरों में।
रजा ने कहा, आने वाले समय में भी कंपनी टियर-1 व छोटे शहरों के बीच खुदरा एरिया में 60-40 का अनुपात बनाए रखने की कोशिश करेगी। अगले साल कंपनी की योजना 100 से ज्यादा और स्टोर जोडऩे की है। रजा ने कहा, पिछले एक साल में हमने 65 स्टोर खोले। लेकिन हर समान्य वर्ष में हमारा इरादा 100 से ज्यादा स्टोर खोलने का है। अगले साल हमारा बजट 100 से ज्यादा स्टोर खोलने के लिए है।
ज्यादातर कंपनियों व श्रेणियों में छोटे शहरों ने महामारी के दौरान बेहतर काम किया। रजा ने कहा, पूरे अवरोध ने हमें सिखाया कि छोटे शहरों में क्षमता है और हमारा ब्रांड स्वीकार्य है। टियर-1 व छोटे शहरों के बीच प्रति वर्गफुट बिक्री अलग-अलग है, लेकिन रजा ने कहा कि छोटे शहरों में लागत भी काफी कम है। ऐसे में यह काम करता है।
महामारी ने वेदांत को डेटा पर और नजर डालना सिखाया है। रजा ने कहा, हमें सटीक रहना पड़ता है, जब मर्केंडाइजिंग की बात आती है। हमारे पास वैसा माल नहीं होना चाहिए जो न बिके। हम कुल मिलाकर अब टेक कंपनी बन गए हैं।
रजा ने यह भी कहा कि शादी-विवाह का सीजन कंपनी के लिए बेहतर रहा है। राजस्व के लिहाज से साल 2021, 2019 से बेहतर रहा है। मार्च 2021 में समाप्त वर्ष में वेदांत का राजस्व 564.81 करोड़ रुपये रहा जबकि शुद्ध लाभ 132.90 करोड़ रुपये, जो इससे पिछले साल क्रमश: 915.54 करोड़ रुपये व 236.63 करोड़ रुपये रहा था।
स्टरलाइट पावर व ईएसडीएस के आईपीओ को मंजूरी
अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली कंपनी स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन और क्लाउड सेवा एवं डेटा सेंटर फर्म ईएसडीएस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन को सेबी ने आईपीओ लाने की मंजूरी दे दी है। सेबी की वेबसाइट के मुताबिक, बाजार नियामक का निष्कर्ष पत्र स्टरलाइट पावर को दो दिसंबर को मिला जबकि ईएसडीएस को यह पत्र तीन दिसंबर को प्राप्त हुआ। स्टरलाइट पावर का आईपीओ के जरिए 1,250 करोड़ रुपये और ईएसडीएस का 1,200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। भाषा
