भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र में वीसी की निकासी पिछले साल के मुकाबले वर्ष 2021 में 10 गुना से भी ज्यादा बढ़कर 14 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गई है। प्रबंधन परामर्श फर्म बैन ऐंड कंपनी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
निकास के कुल मूूल्य में तीन प्रमुख निकास का योगदान करीब 60 प्रतिशत रहा – पेयू द्वारा बिलडेस्क का 4.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण, पेटीएम का 2.5 अरब डॉलर का आईपीओ और जोमैटो की सार्वजनिक बाजार में 1.3 अरब डॉलर की शुरुआत। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीओ के जरिये वीसी की निकासी का योगदान वर्ष 2021 में कुल निकास मूल्य का 40 प्रतिशत रहा, जबकि द्वितीयक बिक्री को कुछ बड़े सौदों से आधार मिला। बैन ऐंड कंपनी की निजी इक्विटी कार्यप्रणाली में एसोसिएट साझेदार साई देव ने कहा कि सेबी द्वारा नियामकीय मानदंडों को फिर से परिभाषित करने और प्रौद्योगिकी सूचीबद्धता के लिए खुदरा निवेशकों की बढ़ती मांग की वजह से प्रौद्योगिकी कंपनियों के मामले में सार्वजनिक बाजार में सूचीबद्धता की रफ्तार बढऩे के साथ ही वर्ष 2021 में निकासी की रफ्तार शीर्ष पर पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद है कि द्वितीयक बाजार में वर्ष 2022 में दिलचस्पी नजर आती रहेगी, खास तौर पर इस वजह से क्योंकि पारंपरिक पीई फंड विकास वाली इक्विटी परिसंपत्तियों में पोर्टफोलियो बनाने पर विचार करेंगे, हालांकि वैश्विक पूंजी बाजार में विस्तृत प्रतिकूल परिस्थितियों और संकुचित गुणकों को देखते हुए सार्वजनिक सूचीबद्धता में मुछ सावधानी बरती जा सकती है।
वीसी के बाहर निकलने के मामले में द्वितीयक और रणनीतिक बिक्री मुख्य आधार बनी रही है, जिसमें 60 से अधिक सौदे 8.7 अरब डॉलर या वीसी के कुल निकासी मूल्य की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले रहे। विकास वाले चरण के सौदों में वैश्विक निवेशकों और पीई की तरफ से बढ़ती दिलचस्पी द्वितीयक बाजार के उत्साह एक प्रमुख संचालक रहा। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 के दौरान वर्से के 45 करोड़ डॉलर वाले दौर में कार्लाइल, ड्रीम11 के 40 करोड़ डॉलर के दौर में क्रिसकैपिटल, सिम्पिललर्न के 25 करोड़ डॉलर के दौर में ब्लैकस्टोन जैसे सौदों में पारंपरिक पीई फंडों की भी महत्त्वपूर्ण भागीदारी देखी गई।
