लखटकिया कार नैनो की परियोजना को उत्तराखंड में ले जाने की बातों पर उत्तराखंउ के मुख्यमंत्री बी सी खंडूडी ने कहना है कि उनकी सरकार ऑटो की प्रमुख कंपनी को की जाने वाली मदद को बढ़ाने को तैयार है, अगर कंपनी पंतनगर में अपना कार संयंत्र लगाएगी।
लेकिन खंडूडी ने यह स्पष्ट कर दिया की इस मामले में उन्होंने टाटा मोटर्स को कोई औपचारिक आमंत्रण नहीं भेजा है। खंडूड़ी ने संवाददाताओं को कहा, ‘प्रस्ताव को टाटा मोटर्स की ओर से आने दीजिए। हम कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठ कर सभी मसलों को हल कर लेंगे।’ शीर्ष अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अभी तक राज्य के पास किसी तरह का नैनो संयंत्र के लिए औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है।
खंडूडी ने टाटा मोटर्स को यह भी कह कर लुभाने की कोशिश कि कंपनी को राज्य में केन्द्रीय उद्योग पैकेज (सीआईपी) 2003 के तहत करों में उपलब्ध भारी छूट का फायदा जरूरत उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कंपनी उत्तराखंड में मिलने वाले कर लाभों का फायदा उठा सकती है।’
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार और कंपनी की नैनो परियोजना के लिए अधिकारी स्तर पर अनौपचारिक बातचीत चल रही है। मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने यह भी स्वीकारा कि आज वे टाटा मोटर्स के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि कंपनी ने किसी तरह का कोई वादा नहीं किया है।
खंडूडी क़ा यह बयान टाटा मोटर्स के सिंगुर कार संयंत्र में चल रहे काम को रोकने के एक दिन बाद आया है और कहा जा रहा है कि वह दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाने के लिए दूसरे शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि आखिर अब तक उत्तराखंड ने पट्टे के बदले किराये पर छूट जैसे मामलों के साथ-साथ टाटा मोटर्स की ओर से पंतनगर में चुनी गई जमीन पर कोई फैसला क्यों नहीं लिया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मसले हल कर लिए जाएंगे।
राज्य सरकार पंतनगर में टाटा मोटर्स को 50 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित करने के लिए राजी हो गई है, लेकिन अंतिम फैसला देने में देरी कर रही है। फिलहाल पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के पास मौजूद सिर्फ 50 एकड़ जमीन टाटा मोटर्स को दी जाएगी, जो हाउसिंग उद्देश्य से 100 एकड़ जमीन की तलाश में है।
कंपनी ने पंतनगर में ऐस ट्रक विनिर्माण इकाई के लिए उसकी 1000 एकड़ औद्योगिक जमीन के लिए पट्टे के बदले किराये को 5 रुपये प्रति वर्ग मीटर से घटाकर 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने की भी मांग की है। सिंगुर में मुश्किलों का सामना करने के साथ यह बातें उद्योग जगत में गर्म है कि नैनो परियोजना उत्तराखंड में ले लाई जाए।
वैसे भी सिंगुर में काम रोके जाने के बाद पंतनगर टाटा मोटर्स की नैनो परियोजना को ले जाने की दौड़ में पहले स्थान पर है। कंपनी पहले ही पंतनगर में 1000 एकड़ की औद्योगिक जमीन पर बनाए गए अपने ट्रक विनिर्माण संयंत्र में सालाना ढाई लाख ऐस ट्रक बनाती है। राज्य में 300 एकड़ पर एक वेंडर पार्क बनाया जाना है।
इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टाटा की पहले योजना थी कि अगर पश्चिम बंगाल में संयंत्र लगाने में देरी होगी तो वह नैनो के फ्रेम पंतनगर में तैयार करेगी और उसे फिर सिंगुर भेज देगी, जहां कार को असेंबल किया जाएगा।
सिंगुर में मुख्य संयंत्र के अलावा पंतनगर को इस लिहाज से भी दिखा जा रहा था जहां कारों को असेंबल किया जा सके। देश भर में छोटी इकाइयों के लिए कंपनी की योजना में पंतनगर दूर के जगहों में से एक के रूप में देखा जा रहा था। पंतनगर में एशिया की सबसे बड़ी पेंट शॉप संयंत्र भी है, जिसकी मदद नैनो परियोजना के लिए ली जा सकती है।
टाटा मोटर्स की औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 75 सहायक इकाइयों के साथ नैनो को पंत नगर में शुरू करने में कोई समस्या नहीं होगी। राज्य के सूत्रों का कहना है कि टाटा दो वाहनों के अलावा उसके पैर पसारते इस संयंत्र में दो से तीन और वाहनों के उत्पादन के बारे में सोच रही है, जिसमें इंडिका और इंडिगो शामिल है।