बीएस बातचीत
सिंगापुर की कंपनी इनब्रू होल्डिंग्स ने 820 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत यूनाइडेट स्पिरिट्स के 32 सस्ते ब्रांडों का अधिग्रहण किया है जिसमें हेवाड्र्स, ओल्ड टैवर्न, व्हाइट मिसचीफ, हनी बी, ग्रीन लेबल और रोमानोव शामिल हैं। इसके अलावा उसने 12 अन्य ब्रांडों के लिए पांच साल के लिए फ्रैंचाइजी समझौता किया है। इनब्रू होल्डिंग्स के चेयरमैन रवि देओल ने शार्लीन डिसूजा और देव चटर्जी से बातचीत में कंपनी की योजनाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
यूनाइटेड स्पिरिट्स के लोकप्रिय ब्रांडों को खरीदकर आप शराब कारोबार में दस्तक दे रहे हैं। ऐसा क्यों?
यूनाइटेड स्पिरिट्स की स्वामित्व वाली कंपनी डियाजिओ यूएसएल के प्रीमियम ब्रांडों की बिक्री जारी रखेगी। खास तौर पर वह भारत में अपने वैश्विक ब्रांडों की बिक्री बरकरार रखेगी। बहुराष्ट्रीय कंपनी के लागत ढांचे को देखते हुए भारत के कम मार्जिन वाले शराब बाजार में अधिक बिक्री वाले उत्पादों को बरकरार रखना उनके लिए कठिन था। जबकि उद्यमियों द्वारा संचालित हमारे जैसी कंपनी के पैर जमीन पर हैं और हम वितरण एवं निष्पादन के मोर्चे पर अपनी कुशलता के कारण बेहतर कर सकते हैं। यूनाइटेड स्पिरिट्स के मुनाफे में इन ब्रांडों का योगदान करीब 25 फीसदी था जबकि उसकी कुल मात्रात्मक बिक्री में योगदान लगभग 40 फीसदी था। ये ब्रांड हमारे लिए काफी लाभप्रद साबित होंगे।
इस सौदे के तहत हासिल ब्रांड कितने बड़े हैं?
हमने जिन ब्रांडों का अधिग्रहण किया है उनमें से छह ब्रांडों की बिक्री लाखों पेटी की है। वास्तव में हेवाड्र्स की बिक्री 1.25 करोड़ पेटी है। यह कुल मिलाकर 3.5 करोड़ पेटी का कारोबार है। इसलिए यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बीयर ब्रांड है। डियाजिओ (यूनाइटेड स्पिरिट्स) अभी भी भारत में सबसे बड़ी कंपनी है जो 4 से 4.3 करोड़ पेटियों की बिक्री करती है।
अधिग्रहण के बाद शराब कारोबार के लिए आपकी क्या रणनीति होगी?
हम वास्तव में एक व्यापक बेवरिजेस प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहेंगे। बेवरिजेस की खपत में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। भारत अब भी मुख्यधारा का बाजार बरकरार है चाहे स्ट्रॉन्ग बीयर हो अथवा डार्क स्पिरिट्स। लेकिन आगे चलकर उसमें महत्त्वपूर्ण बदलाव आने वाला है। हम भारत में मौजूद ऐसी एकमात्र कंपनी हैं जो बीयर और शराब दोनों श्रेणियों में कारोबार करती है। जबकि बहुराष्ट्रीय कंपनियां बीयर और शराब में से किसी एक कारोबार पर ही ध्यान केंद्रित करती हैं। बेवरिजेस श्रेणी में वैश्विक कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम करने के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। हमें कम कैलोरी वाले अल्कोहल, बीयर, सेल्टजर, टॉनिक आदि वैकल्पिक बेवरिजेस श्रेणियों में काफी संभावनाएं दिख रही हैं। हमारा वितरण नेटवर्क काफी विस्तृत है और हमारा कारोबार 4 करोड़ से अधिक पेटियों का है।
क्या आप और अधिग्रहण करने की तैयारी कर रहे हैं?
बुटीक ब्रांडों को खरीदकर उसे सुदृढ़ करने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन यदि कोई उपयुक्त ब्रांड दिखा तो उस पर विचार किया जा सकता है। हम एक युवा देश हैं जहां घर के बाहर खपत अभी भी काफी कम है और वह हमारे लिए एक बड़ा अवसर है। हम इन दोनों कारोबार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उत्तरी बाजार में हमारी मजबूत उपस्थिति है और हमने डियाजिओ से जिस कारोबार का अधिग्रहण किया है वह दक्षिण भारत में मजबूत स्थिति में है।
भारत में आपकी कितनी विनिर्माण इकाइयां होंगी?
स्पिरिट्स ऐंड डिस्टिलेरीज में पांच और ब्रुअरीज में हमारी चार विनिर्माण इकाइयां होंगी। चालू वित्त वर्ष के अंत तक हमारा
शराब कारोबार 9,000 करोड़ रुपये का होगा।