अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) ने भारत की दवा कंपनी रैनबैक्सी लैबोरेटरीज की 30 से ज्यादा जेनरिक दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अमेरिकी प्राधिकरण ने कहा है कि दवाओं को बनाने की प्रक्रिया, इसके रिकॉर्ड को रखने के तरीके और कई दूसरी विसंगतियों की वजह से यह फैसला लिया गया है। हालांकि यूएसएफडीए ने यह घोषणा भी की है कि रैनबेक्सी के उत्पादों की गुणवत्ता में विसंगति को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं।
यूएसएफ डीए ने 16 सितंबर को इस बाबत कंपनी को दो चेतावनी पत्र भी जारी किए और उनमें यह जिक्र किया कि देवास और पाउंटा साहिब स्थित संयंत्रों में दवाओं के रिकॉर्ड रखने के नियम का उल्लंघन किया जा रहा है। यूएसएफडीए ने अपनी घोषणा में यह भी जिक्र किया है कि जब तक इन संयंत्रों में व्याप्त विसंगतियां दूर नही कर ली जाती, तब तक ये दवाइयां अमेरिका में नही बेचने दी जाएगी।
चेतावनी पत्र में यह कहा गया है कि रैनबेक्सी की विनिर्माण इकाइयों देवास और पाउंटा साहिब (बाटामंडी इकाई सहित) में अमेरिका की मौजूदा उत्पाद विनिर्माण गतिविधि आवश्यकताओं (सीजीएमपी) की शर्तों का उल्लंघन हुआ है और इसलिए इन दवाओं को अमेरिकी सीमा में आयात होने से रोक दिया जाएगा।
इसके अंतर्गत इन इकाइयों से उत्पादित होने वाली स्टराइल और नॉन-स्टराइल दोनों प्रकार के दवा उत्पादों का आयात अमेरिका में प्रतिबंधित रहेगा। यूएसएफडीए के वक्तव्य में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि रैनबेक्सी की इन दोनों निर्माण इकाइयों में दवा उत्पादन प्रक्रिया में दोष पाया गया है।
यह प्रारंभिक तौर पर उठाए गए कदम हैं, जिसके तहत अगर कोई कंपनी अमेरिकी जीएमपी शर्तों का पालन नहीं करती है, तो उसके उत्पादों को अमेरिका में बेचने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है। वैसे इस कदम का यह मतलब नही है कि बाजार में मौजूद इन उत्पादों को हटा दिया जाएगा। वैसे इन स्थितियों पर यूएसएफडीए अपनी नजर रखे हुए है।
इस कार्रवाई के जवाब में रैनबेक्सी ने कहा है कि एफडीए के द्वारा उठाए गए कदम बेहद निराशाजनक हैं। पिछले दो सालों में एफडीए ने जिन मानकों को निर्धारित किया है, उस पर कंपनी खरी उतरने की पूरी कोशिश करती है।
रैनबेक्सी ने अपने वक्तव्य में कहा है कि एफडीए के द्वारा उठाए गए मुद्दे पर कंपनी काफी सजग है और वह कोशिश करेगी कि इन मसलों के साथ साथ अन्य मामलों को भी आगे सुलझा लिया जाए। आज की इस घोषणा से रैनबेक्सी की अन्य इकाइयों द्वारा उत्पादित की जाने वाली दवाओं की मार्केटिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अन्य निर्माण इकाइयों में एफडीए ने उपलब्ध सुविधाओं का जब जायजा लिया, तो वे अमेरिकी जीएमपी मानकों पर खरी उतर रही थी। एफडीए ने रैनबेक्सी को यह सूचित कर दिया है कि जब तक इन संयंत्रों में कथित विसंगतियों को दूर नही कर लिया जाता है, तब तक यहां से किसी नई दवाओं की मार्केटिंग के आवेदन स्वीकृत नही किए जाएंगे।
यूएसएफडीए ने यह स्पष्ट किया है कि उसे दवा बनाने की प्रक्रिया पर एतराज है। यह प्रक्रिया इसकी सैंपलिंग से जुड़ी हुई है। यूएसएफ डीए की ओर से रैनबैक्सी की दवाओं पर पाबंदी की घोषणा से बीएसई में इसके शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। शरुआती कारोबार के दौरान इसके शेयर तकरीबन 10 फीसदी गिर चुके थे, जबकि कारोबार समाप्ति पर कंपनी के शेयरों में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
क्यों लगी पाबंदी?
देवास संयंत्र
इस संयंत्र पर बीटा-लैक्टम कंटेनमेंट प्रोग्राम में विसंगति पाई गई, जिससे साफ -सफाई मानक का हुआ उल्लंघन
बैच उत्पाद और नियंत्रण के रिकॉर्ड की अपर्याप्तता
दवाओं के निर्माण नियंत्रण को लेकर जांच की प्रक्रिया में विसंगति
पाउंटा साहिब संयंत्र
मौजूदा उत्पाद विनिर्माण गतिविधि मानक के आधार पर किए जाने वाले जरूरी उपायों का अभाव
प्रमुख उपकरणों का लिखित रिकॉर्ड सही नहीं
अधूरा बैच प्रोडक्शन और नियंत्रण रिकॉर्ड
उत्पादों की समीक्षा और मंजूरी की अपर्याप्त प्रक्रिया