प्रमुख अपैरल उद्योग नियामक ने अंडरवियर निर्माता जॉकी इंटरनैशनल की भारतीय भागीदार पेज इंडस्ट्रीज की जांच शुरू की है। नियामक ने रॉयटर्स को बताया कि पेज इंडस्ट्रीज की एक इकाई में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों के बाद यह जांच शुरू की गई है।
अमेरिका स्थित वल्र्डवाइड रेस्पोंसिबल एक्रेडिटेड प्रोडक्शन (डब्ल्यूआरएपी) द्वारा यह जांच नॉर्वे के 1 लाख करोड़ डॉलर के सॉवरिन वेल्थ फंड द्वारा पेज को यूनिट-3 में मानवाधिकार चिंताओं की वजह से अपने निवेश पोर्टफोलियो से हटाए जाने के बाद शुरू की गई है। यूनिट-3 बेंगलूरु में पेज की जॉकी निर्माण इकाइयों में से एक है।
पेज इंडस्ट्रीज ने किसी तरह के उल्लंघन की खबरों का खंडन किया है। कंपनी ने डब्ल्यूआरएपी जांच के बारे में रॉयटर्स द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है, लेकिन उसका कहना है कि उसके पास इसके प्रमाण हैं जो इन आरोपों को खारिज करते हैं।
पेज इंडस्ट्रीज का शेयर इस जांच की खबरों के बाद बुधवार को एनएसई पर 3.2 प्रतिशत गिर गया था।
अमेरिका स्थित जॉकी (डब्ल्यूआरएपी की संस्थापक सदस्य) ने रॉयटर्स को बताया कि वह चाहती है कि उसके सभी भागीदारों द्वारा प्रमाणन बरकरार रखा जाए और वह पेज से संबंधित आरोपों की आंतरिक जांच के परिणामों पर निगरानी बनाए रखेगी।
हालांकि उसने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी कि क्या डब्ल्यूआरएपी द्वारा भारतीय कंपनी को प्रतिबंधित किए जाने पर वह पेज के साथ संबंध समाप्त कर लेगी।
बेंगलूरु में मुख्यालय वाली पेज केपास भारत और 6 अन्य देशों में जॉकी वियर के लिए विशेष लाइसेंस है। पेज ब्रिटेन स्थित स्विमवियर निर्माता स्पीडो के लिए भी परिधान बनाती है।
स्पीडो ने पिछले महीने कहा था कि वह नॉर्वे के वेल्थ फंड के आरोपों की जांच करेगी और पेज के साथ समस्या जल्द सुलझाने की कोशिश करेगी।
