नॉर्वे की कंपनी टेलीनोर के साथ सौदा करने पर आलोचना का सामना कर रही यूनिटेक ने आरोप लगाया कि दूरसंचार उद्यम में बहुलांश हिस्सेदारी बेचने पर प्रतिस्पर्धी कंपनियों बिना वजह विवाद पैदा कर रही हैं। कंपनी पहले ही इस उद्यम में 4,100 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।
दूरसंचार उद्यम में टेलीनोर को 6,100 करोड़ रुपये से अधिक में 60 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर सरकार द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में यूनिटेक ने कहा कि सौदे के लिए रकम जुटाई गई थी। कंपनी ने बताया कि उसने स्पेक्ट्रम पर कोई प्रीमियम नहीं लिया।
कंपनी ने दूरसंचार सचिव सिध्दार्थ बेहुरा को लिखे एक पत्र में कहा कि यूनिटेक वायरलेस और टेलीनोर के बीच साझीदारी को लेकर कई भ्रामक खबरें प्रकाशित की गई हैं जो संभवत: प्रतिस्पर्धी कंपनियों के ‘निहित स्वार्थ’ से की गई हैं।
सफाई देते हुए यूनिटेक ने कहा कि जब से सरकार ने मोबाइल टेलीफोनी में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए नए लाइसेंस जारी करने की शुरुआत की है, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) की अगुवाई में मौजूदा ऑपरेटरों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की थी। स्पेक्ट्रम को लेकर मौजूदा दूरसंचार कंपनियों की सभी मांगे पूरी किए जाने के बाद भी यह कंपनियां नई कंपनियों की राह में रोड़े अटकाने की कोशिशें कर रही हैं।