ऑनलाइन रिटेल बी2बी यूनिकॉर्न उड़ान अगली दो-तीन तिमाहियों में नई कोष उगाही की योजना बना रहा है। कंपनी न अगले 18-24 महीनों में आईपीओ लाने से पहले इस कोष उगाही की योजना तैयार की है। कंपनी 1.2 अरब डॉलर की पूंजी पहले ही जुटा चुकी है और मौजूदा समय में उसका मूल्यांकन 3.1 अरब डॉलर पर है।
उड़ान ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की हैं, चाहे वे एशिया में सबसे बड़ा बी2बी रिटेल प्लेटफॉर्म बनने से जुड़ी हों या भारत में सालाना 100 अरब डॉलर से ज्यादा के लेनदेन के साथ अगले 7-10 साल में कुल रिटेल व्यवसाय में 15 प्रतिशत भागीदारी हासिल करने की।
अपनी योजना के बारे में जानकारी देते हुए कंपनी के संस्थापक सुजीत कुमार ने कहा, ‘हर कोई व्यवसाय में भरोसा दर्शाने के प्रयास में आईपीओ लाना चाहता है। हम अपने व्यवसाय तलाशने या राजस्व वृद्घि के लिए रकम खर्च नहीं कर रहे हैं बल्कि हम अपनी क्षमताएं बढ़ाने पर भी जोर दे रहे हैं। इसलिए, हम अगली दो-तीन तिमाहियों में और पूंजी जुटाने की संभावना तलाशेंगे और यह इस संबंध में हमारा आखिरी प्रयास होगा। इसके बाद हम 18-24 महीने में आईपीओ लेकर आएंगे।’
कुमार का कहना है कि उड़ान जल्द ही भरपाई की स्थिति में आ सकती है, लेकिन उसका मुख्य ध्यान वृद्घि के लिए निवेश पर रहेगा, क्योंकि उसके 70 प्रतिशत से ज्यादा व्यवसाय ऑनलाइन लॉजिस्टिक है जिसका कुल व्यापार लेनदेन में 1 प्रतिशत का योगदान है। उड़ान को महामारी के दौरान फूड एवं एफएमसीजी सेगमेंट के लिए अपनी रणनीति में बदलाव लाना पड़ा और उसने प्योर प्ले मार्केटप्लेस मॉडल से इन्वेंट्री-आधारित मॉडल पर जोर दिया, जिसके तहत वह अपने स्वयं के गोदामों में निर्माताओं का माल भंडारण करती है। कंपनी की रणनीति न सिर्फ संख्या बढ़ाने बल्कि अपने ग्राहकों के साथ संबंध मजबूत बनाने की भी है। कुमार का कहना है कि मौजूदा समय में उड़ान ने 35 लाख ग्राहक अपने प्लेटफॉर्म से जोड़े हैं और करीब 25 लाख नियमित ट्रांजेक्शन दर्ज किए हैं।
जहां उड़ान प्लेटफॉर्म के जरिये कुल ट्रांजेक्शन का योगदान औसत 10 प्रतिशत था, वहीं अब यह बढ़कर 40 प्रतिशत तक हो गया है।
हालांकि उड़ान को जियो मार्ट और एमेजॉन जैसी कई कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। मेट्रो कैश ऐंड कैरी प्रत्यक्ष रूप से रिटेलर और ई-कॉमर्स कंपनियों तक पहुंच बना रही है।