देसी म्चुयुअल फंड उद्योग (करीब 37 लाख करोड़ रुपये) में प्रतिस्पर्धा गहराने वाली है क्योंंकि दो नई कंपनियों ने एमएफ लाइसेंस के लिए बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन किया है। आवेदन करने वालों में पूर्व फंड मैनेजर केनेथ एंड्रेड प्रवर्तित ओल्ड ब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट और ब्रोकरेज हाउस ऐंजल वन शामिल हैं। ऐंजल वन के चीफ ग्रोथ अफसर प्रभाकर तिवारी ने कहा, कायापलट के अगले चरण में हम एएमसी में उतर रहे हैं। हमारी योजना अपने क्लाइंटों के लिए पैसिव इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स उतारने की है जो कृत्रिम बौद्धिकता व मशीन लर्निंग के आधार पर विकसित होगा। हमारा मजबूती से मानना है कि पैसिव इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट्स में ऐक्टिव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की क्षमता है और हमारे सभी क्लाइंटों को यह कम कीमत पर मिलेगा। लाइसेंस के लिए आवेदन करने की व्यवहार्यता पर एंड्रेड ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
पिछले कुछ महीनों में उद्योग ने एमएफ आवेदकों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखी है। इनमें हेलियस कैपिटल (सिंगापुर के लोकप्रिय फंड मैनेजर समीर अरोड़ा की अगुआई वाली), हिरेन वेद व राकेश झुनझुनवाला की तरफ से गठित अल्केमी कैपिटल, दो दशक पुरानी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट फर्म यूनिफि कैपिटल और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट फर्म कैपिटलमाइंड के दीपक शेनॉय की तरफ से प्रवर्तित वाइजमार्केट्स ने पिछले साल दिसंबर में एमएफ लाइसेंस के लिए आवेदन किए थे। कुल मिलाकर सात इकाइयां बाजार नियामक सेबी से सैद्धांतिक मंजूरी की प्रतीक्षा कर रही हैं।
बाजार नियामक ने बजाज फिनसर्व और जीरोधा को क्रमश: अगस्त व सितंबर मेंं सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी है। एनजे इंडिया और सैमको सिक्योरिटीज अपना परिचालन शुरू करने वालों में नई हैं।
हैलिबर्टन से तकनीकी सहयोग लेगी केयर्न
वेदांत समूह की कंपनी केयर्न ऑयल ऐंड गैस ने अपनी अपतटीय परिसंपत्तियों के भंडार के आधार को दस गुना बढ़ाने और राजस्थान में शैल गैस की खोज के लिए अमेरिका की हैलिबर्टन कंपनी के साथ तकनीकी साझेदारी की है। केयर्न ने मंगलवार को इस साझेदारी की घोषणा की। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रचुर शाह ने कहा, ‘यह हैलिबर्टन के साथ तकनीकी साझेदारी से कहीं अधिक है। हम उसकी तकनीकी विशेषज्ञता के अलावा परियोजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता का भी इस्तेमाल करेंगे। भाषा