एनएसई बोर्ड के पूर्व सदस्य टीवी मोहनदास पई और बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ के बीच अनाम योगी के मसले पर ट्विटर पर नोकझोंक हुई, जिन्होंंने देश के सबसे बड़े एक्सचेंज नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की फैसला लेने की प्रक्रिया को प्रभावित किया।
शॉ ने एक खबर के शीर्षक कठपुतली मास्टर की तरह योगी चला रहे देश का सबसे बड़ा एक्सचेंज पर ट्वीट करते हुए कहा, एनएसई में गवर्नेंस से जुड़ी खामियां झटका देने वाली हैं, जिसने एक वैश्विक श्रेणी के स्टॉक एक्सचेंज में बाधा डाली है।
उनके ट्वीट का जवाब देते हुए पई ने लिखा, कोई योगी एनएसई को नहीं चला रहे। इस तरह के झूठ को फैलाना बंद कीजिए। क्या आपको वास्तव में लगता है कि काफी अच्छी तकनीक पर आधारित विश्व के सबसे बड़े एक्सचेंज में से एक का कामयाबी के साथ संचालन कोई अनाम योगी कर रहे हैं? एनएसई इंडिया के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाले सभी कर्मचारियों को आप हानि पहुंचा रही हैं। इस पर शॉ ने जवाब दिया, ऐसे में क्या हम सेबी की रिपोर्ट को कचरे में डाल दें? एनएसई के कर्मचारी निर्दोष रहे हैं। लेकिन अगर वास्तव में चित्रा रामकृष्णन ने किसी बाहरी व्यक्ति को बढ़ावा दिया तो यह अपमानजनक है।
