जापान की दिग्गज वाहन कंपनी टोयोटा मोटर्स की भारतीय सहयोगी टोयोटा किर्लोस्कर भी मारुति और हुंडई की तरह तमिलनाडु में निर्यात केंद्र शुरू करने की फिराक में है।
कंपनी इसके लिए चेन्नई बंदरगाह पर एक निर्यात टर्मिनल स्थापित करना चाहती है, जहां से वह 2012 में अपने वाहनों को विदेश भेजना शुरू करेगी। इस सिलसिले में टोयोटा समूह की समुद्री परिवहन क्षेत्र की कंपनी तोयोफुजी शिपिंग चेन्नई बंदरगाह के अधिकारियों से बातचीत कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक शुरुआती बातचीत में तोयोफुजी सालाना 1,00,000 वाहन निर्यात करने की योजना बना रही है। बंदरगाह प्रशासन भी कंपनी को बहुस्तरीय पार्किंग ढांचा तैयार करने के लिए लगभग 30,000 वर्ग फुट भूमि देने पर विचार कर रहा है।
बंदरगाह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तोयोफुजी 2012 तक टोयोटा के लिए एक खास टर्मिनल यहां तैयार करना चाहती है। उसका विचार सभी कार निर्माताओं को यहां से निर्यात का मौका मुहैया कराने का है। कंपनी के ग्राहकों की फेहरिस्त में टोयोटा, निसान और दूसरे कई कार निर्माता शामिल हैं।
तोयोफुजी का एक दल टर्मिनल निर्माण की संभावनाएं तलाशने के लिए एन्नोर, मुंबई और तूतीकोरिन का भी दौरा करेगा। प्रस्तावित टर्मिनल टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के बेंगलुरु में बनने वाले दूसरे संयंत्र के लिहाज से काफी अहम है। यह संयंत्र चेन्नई से तकरीबन 350 किलोमीटर दूर होगा। लेकिन यहां बनने वाली कारों का निर्यात भी नए टर्मिनल से ही किया जाएगा।
तोयोफुजी शिपिंग टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन, फुजीट्रांस कॉर्पोरेशन और टोयोटा ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड के स्वामित्व वाली कंपनी है। यह समुद्री परिवहन से जुड़े तमाम कारोबार करती है। चेन्नई और एन्नोर बंदरगाह दक्षिण भारत में कारों के निर्यात का सबसे बड़ा केंद्र बनने के लिए आपस में पहले से ही होड़ कर रहे हैं। हुंडई ने इस सिलसिले में चेन्नई बंदरगाह के साथ करार किया है और एन्नोर के साथ रेनो और निसान ने समझौते पर दस्तखत किए हैं।