टाइटन कंपनी के शेयर में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई क्योंकि जून तिमाही के खुलासे में लॉकडाउन के कारण राजस्व के मोर्चे पर कंपनी के कमजोर प्रदर्शन की ओर इशारा किया गया है। अप्रैल के पहले तीन सप्ताह के दौरान बिक्री में स्थिरता के बाद कंपनी के कई स्टोर बंद हो गए थे और जून में धीरे-धीरे उन्हें फिर से खोला गया है।
तिमाही के दौरान कंपनी के आभूषण कारोबार में अप्रैल और जून में से प्रत्येक महीने का योगदान 40 से 50 फीसदी रहा लेकिन मई का योगदान महज 10 फीसदी दर्ज किया गया। कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिण के राज्यों में विस्तारित लॉकडाउन के कारण जून में कंपनी की बिक्री प्रभावित हुई।
सोने-चांदी की बिक्री को छोड़कर आभूषण कारोबार की राजस्व वृद्धि में एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 107 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसकी मुख्य वजह पिछले साल का कमजोर आधार, हालिया तिमाही के दौरान कारोबारी दिवसों की अधिक संख्या और बेहतर रिकवरी रही। हालांकि क्रमिक आधार पर इसमें 62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
एमके ग्लोबल रिसर्च के असित देसाई और देवांशु बंसल के आकलन के अनुसार, जून तिमाही में कंपनी का राजस्व 2,800 करोड़ रुपये हो सकता है जबकि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में उसने 7,470 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था। राजस्व के मोर्चे पर कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए उनका मानना है कि कंपनी परिचालन लाभ के मोर्चे पर न नफा न नुकसान की स्थिति में आ जाएगी लेकिन तिमाही के दौरान 57 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज करेगी। जबकि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में उसने 270 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। हालांकि प्रभुदास लीलाधर रिसर्च जैसी अन्य ब्रोकरेज ने उम्मीद जताई है कि कंपनी तिमाही के दौरान 55 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज करेगी।
अच्छी बात यह है कि पिछले साल के मुकाबले जून में परिचालन दिवसों की संख्या कम होने के बावजूद कंपनी ने सालाना आधार पर अधिक बिक्री दर्ज की है। कंपनी ने नए ग्राहकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है और कुल कारोबार में इस श्रेणी की हिस्सेदारी वैश्विक महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच चुकी है। कंपनी के 90 फीसदी स्टोर पहले ही खुल चुके हैं और उनमें ग्राहकों की आवक भी पिछले साल के मुकाबले अधिक है। एमके ग्लोबल रिसर्च के अनुसार, ऐसे में वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से सुधार होने की उम्मीद है। टाइटन जैसी संगठित कारोबारियों को आभूषण के हॉलमार्किंग से भी मदद मिलने की उम्मीद है। विश्लेषकों ने उम्मीद जताई है कि इसी साल 16 जून से हॉलमार्किंग को अनिवार्य तौर पर लागू किया गया है जिससे उद्योग में सुदृढीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे छोटे कारोबारियों का कारोबार प्रभावित हो सकता है और ग्राहकों का रुझान डिजाइन एवं प्रीमियम उत्पादों पर केंद्रित हो सकता है। इसके अलावा ग्राहक अपने पुराने आभूषणों को हॉलमार्क वाले आभूषण से बदल सकते हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि इससे टाइटन और कल्याण ज्वैलर्स जैसी कंपनियों की आय बढ़ सकती है।