टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स की सहायक इकाई टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (टीपीईएम) व्यापक स्तर पर नियुक्ति अभियान चलाने की तैयारी कर रही है, क्योंकि वह अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी व्यवसाय का दायरा बढ़ाना चाहती है।
पिछले सप्ताह बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टीपीईएम के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्र ने कहा, ‘हम सिर्फ नई प्रतिभाओं का आकार बढ़ाने जा रहे हैं, लेकिन संगठन में मौजूदा प्रतिभाओं के कौशल को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रहे हैं। हमने करीब 1,000 लोगों को नियुक्त करने की योजना बनाई है।’ रॉयटर्स की एक खबर के अनुसार, कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2022 के 19,000 से चार गुना बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष तक करीब 80,000 वाहन पर पहुंचाने की योजना बनाई। कंपनी इसे लेकर उत्साहित है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का वर्ष 2030 तक उसकी कुल यात्री वाहन बिक्री में 30 प्रतिशत से ज्यादा योगदान होगा।
शुक्रवार को टीपीईएम के पहले इलेक्ट्रिक मॉडल अविन्या को पेश किया गया। इस मॉडल में 500 किलोमीटर की न्यूनतम रेंज का दावा किया गया है और इसमें उन्नत तकनीकी फीचर शामिल हैं। इसके लिए कंपनी ने भारत के साथ साथ विदेश में खरीदार आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है।
नई गठित इकाई टीपीईएम बिक्री व्यापक स्तर पर पहुंच जाने पर ईवी के लिए अलग से बिक्री चैनल पर भी विचार कर सकती है और यह डीलरों के लिए लाभकारी होगा। नियुक्ति रणनीति के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम कहीं से भी नियुक्तियां करेंगे, जहां भी अच्छी प्रतिभाएं उपलब्ध हों।’ नियुक्तियों में एडवांस इंजीनियरिंग, उत्पाद विकास, आपूर्ति शृंखला, विभिन्न स्तरों पर परिचालन एवं वाणिज्यिक परिचालन शामिल है।इसमें इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि, मजबूत अनुभव वाले लोग शामिल होंगे।
अन्य कंपनियों में, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ओला इलेक्ट्रिक, हुंडई मोटर इंडिया, मारुति सुजूकी इंडिया और कुछ अन्य शामिल हो सकती हैं और समान क्षमताओं का निर्माण कर सकती हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी ईवी योजनाएं बनाई हैं।
फिलहाल टाटा मोटर्स ऐसी कंपनी है, जिसका 90 प्रतिशत बाजार भागीदारी के साथ ई-पीवी बाजार में दबदबा है। कंपनी ने रविवार को जारी मासिक बिक्री संबंधित रिपोर्ट में कहा कि उसने अप्रैल में 2,322 ईवी की बिक्री की, जबकि पिछले साल समान महीने में यह आंकड़ा 581 रहा।
टीपीईएम ने नए वाहन आर्किटेक्चर, तकनीकी और जरूरी सहायक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 2 अरब डॉलर के निवेश की रूपरेखा तैयार की है।
