विश्लेषक उम्मीद जता रहे हैं कि फार्मास्युटिकल कंपनियां वित्त वर्ष 23 की जुलाई-सितंबर तिमाही (दूसरी तिमाही) के दौरान राजस्व में मामूली इजाफा दर्ज करेंगी, लेकिन अधिक आधार और सामान्य व्यय के कारण उनके एबिटा में गिरावट आएगी।
हालांकि घरेलू बाजार की मांग जोरदार है, लेकिन विश्लेषकों को उम्मीद है कि कच्चे माल और माल ढुलाई की अधिक लागत से अमेरिका और अन्य देशों में कारोबार पर असर पड़ेगा।
मूल कारोबार में सुधार से अस्पतालों और डायग्नोस्टिक्स द्वारा सालाना आधार पर इजाफा दर्ज करने में मदद मिल सकती है। एडलवाइस सिक्योरिटीज का कहना है कि मरीजों के बढ़ती संख्या, प्रति बिस्तर औसत राजस्व (एआरपीओबी) में स्थिरता तथा अंतरराष्ट्रीय मरीजों के आने से अस्पताल जोरदार परिचालन प्रदर्शन दर्ज कर सकते हैं। डायग्नोस्टिक्स क्षेत्र को मौसम से लाभ होगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषण के अनुसार आने वाले महीनों में सामान्य स्थिति की उम्मीद से अमेरिका में कीमतों का दबाव कम होना शुरू हो गया है। इसमें कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि हमने जिन कंपनियों का विश्लेषण किय है, उनका एबिटा मार्जिन सालाना आधार पर 240 आधार अंक तक घटकर 20 फीसदी रह जाएगा। एडलवाइस ने भी इस बात का संकेत दिया है कि अमेरिकी कीमतों में मामूली गिरावट आ रही है और बेहतर पेशकश से सकल मार्जिन को राहत मिलेगी।
डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (जेनेरिक रेवलिमिड), ल्यूपिन (जेनेरिक सुप्रेप), सन फार्मा (स्पेशलिटी) और सिप्ला (रेस्पिरेटरी) अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी हासिल करती देखी जा रही हैं।
हालांकि प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों ने पूर्वानुमान जताया है कि अमेरिका में आला दर्जे की नई दवाओं, स्थिर घरेलू फॉर्मूलेशन कारोबार तथा माल ढुलाई और जिंसों के दाम जैसे व्यय में राहत की वजह से मजबूत क्रमिक वृद्धि हुई है।
विश्लेषण में कहा गया है कि डॉलर की तुलना में रुपये के मूल्य में गिरावट (सालाना आधार पर सात प्रतिशत से अधिक और तिमाही आधार पर तीन प्रतिशत) से होने वाले फायदे से भी लाभ में मिलेगी। दूसरी तरफ उभरते बाजारों में मुद्रा की अस्थिरता से लाभ पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
एडलवाइस के अनुसार घरेलू रफ्तार मजबूत बनी हुई है और टोरेंट फार्मास्युटिकल्स, अजंता फार्मास्युटिकल्स और सन फार्मास्युटिकल इस खंड में आगे रहेंगी। घरेलू दाम वृद्धि और इनपुट लागत में कमी से तिमाही आधार पर सकल मार्जिन में 100 आधार अंक तक का सुधार होगा।
टोरेंट फार्मास्युटिकल्स का भारत कारोबार इस तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 1,224 करोड़ रुपये हो गया है। एडब्ल्यूएसीएस के अनुसार दूसरी तिमाही में टोरेंट फार्मा की वृद्धि 19 प्रतिशत थी, जबकि भारतीय फार्मास्युटिकल बाजार (आईपीएम) की वृद्धि 13 प्रतिशत रही।
