लंदन, न्यूयॉर्क आदि लोकप्रिय मार्गों पर हवाई किराये में कोविड-पूर्व अवधि के मुकाबले 45 से 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हवाई किराये में तेजी को मुख्य तौर पर जबरदस्त मांग, कम क्षमता और विमान ईंधन की कीमतों में वृद्धि से रफ्तार मिली है।
यूरोप और अमेरिका के लिए उड़ानों में सीटें काफी मुश्किल से मिल रही हैं और यदि मिलती भी है तो उसके लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है। रूस के आकाश के उपयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण यूनाइटेड और एयर कनाडा ने कई उड़ानों (सैन फ्रांसिस्को-दिल्ली, वैंकूवर-दिल्ली, नेवार्क-मुंबई) को निलंबित कर दिया है।
इससे भारत-उत्तरी अमेरिका बाजार में सीटों की उपलब्धता कम हो गई है।
इग्जिगो के सह-संस्थापक एवं ग्रुप सीईओ आलोक वाजपेयी ने कहा, ‘प्रमुख मार्गों पर इस साल अंतरराष्ट्रीय हवाई किराये में वैश्विक महामारी से पहले के मुकाबले 45 से 50 फीसदी की वृद्धि हुई है। मई में यात्रा के लिए मुंबई-न्यूयॉर्क जैसे मार्गों पर न्यूनतम किराया 48,000 से 67,000 रुपये के बीच है। हवाई किराये में तेजी के बावजूद अटकी हुई मांग के कारण इस साल गर्मी के दौरान अंतरराष्ट्रीय यात्रा में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। जिन शहरों के लिए अधिक पूछताछ की जा रही है उनमें संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं।’
करीब दो साल के अंतराल के बाद इसी साल 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। इससे यात्रा विकल्पों में विस्तार हुआ है क्योंकि विमानन कंपनियों को अब आगे की यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग शुरू करने की अनुमति मिल गई है।
मंगलवार को भारत आने-जाने वाली 704 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन किया गया जो 2019 की सर्दियों के मुकाबले करीब 41 फीसदी कम है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रोजाना करीब 85 से 90 प्रस्थान वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन किया जा रहा है।
