बीएस बातचीत
केनरा रोबेको म्युचुअल फंड में निवेश प्रमुख (इक्विटी) निमेश चंदन ने चिराग मडिया के साथ साक्षात्कार में कहा कि कुछ क्षेत्रों में मूल्यांकन ऊंचा है, लेकिन बाजार के मंदी के दायरे में फिसलने के संकेत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में गिरावट आ सकती है, जो तेजी के बाजार में एक सामान्य प्रक्रिया है और निवेशकों को ऐसे समय को बाजार से निकलने और प्रवेश करने के तौर पर आजमाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
बाजार सर्वाधिक ऊंचे स्तरों के आसपास मंडरा रहे हैं। क्या आप मानते हैं कि इनमें बुनियादी आधार के मुकाबले ज्यादा तेजी आ चुकी है?
मार्च, 2020 में कोविड-19 की वजह से कई तरह की अनिश्चितताएं थीं। चूंकि इस महामारी से मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा था, इसलिए हमें पूरे देश में सख्त लॉकडाउन का सामना करना पड़ा। तब इस वायरस के लिए कोई टीका या दवा नहीं थी, इसलिए बाजार में इसे लेकर भय बना हुआ था। इसलिए दुनियाभर में बाजारों में गिरावट आई। दूसरी लहर बड़ा स्वास्थ्य संकट बन गई। लेकिन व्यावसायिक संकट के तौर पर, पहली लहर के मुकाबले इसका कम प्रभाव देखा गया। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस बार व्यवसायी अच्छी तरह से तैयार थे। मौजूदा समय में टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आने से निवेशक वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में आर्थिक हालात सामान्य होने की संभावना देख रहे हैं।
मौजूदा स्तरों पर आप निवेश के लिहाज से किस हद तक सहज महसूस कर रहे हैं?
मौजूदा समय में, इसका कोई संकेत नहीं है कि हम संकट या मंदी के बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। किसी तरह के मंदी वाले बाजार या गंभीर संकट पैदा नहीं होने की संभावना के साथ भी हम बाजार में गिरावट देख सकते हैं। यह गिरावट तेजी के बाजार का हिस्सा होती है। गिरावट कब आएगी, इसके समय के बारे में अनुमान लगाना भी कठिन है।
ऐसे कौन से जोखिम हैं जिनसे भारतीय इक्विटी बाजारों का प्रतिफल प्रभावित हो सकता है?
एक जोखिम महामारी है। यदि नई लहर या म्यूटेंट आया तो यह एक बड़ा जोखिम हो सकता है। दूसरा, ब्याज दरें तेजी से बढ़ीं तो हम इक्विटी मूल्यांकन और व्यवसाय गतिविधि में कमजोरी देखेंगे।
जिंस कीमतें वैश्विक रूप से चढ़ी हैं। कया आप इसे बड़े जोखिम के तौर पर देख रहे हैं?
मौजूदा समय में, मुद्रास्फीति में तेजी अस्थायी लग रही है। मांग और आपूर्ति में अल्पावधि असमानता है जिससे जिंस कीमतों में तेजी को बढ़ावा मिला है।
मौजूदा बाजार में आप कहां अवसर देख रहे हैं?
ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें मूल्यांकन उचित हो गया है और कुछ कंपनियों की वैल्यू काफी बढ़ गई है। हालांकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप श्रेणियों में वैल्यू के ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें मूल्यांकन रेटिंग बदलाव के लिहाज से उपयुक्त है। मैं देश में पूंजीगत चक्र को लेकर सकारात्मक हूं, जिसमें मूल्यांकन आकर्षक हैं और वृद्घि परिदृश्य काफी मजबूत है।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों के मूल्यांकन में भारी तेजी आई है। क्या आप मानते हैं कि इस क्षेत्र में बुलबुले जैसी स्थिति बन रही है?
पिछले 6 महीने में मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों द्वारा अच्छा प्रदर्शन दर्ज किया गया। मेरा मानना है कि अभी भी इनमें वृद्घि की पर्याप्त संभावना है, क्योंकि ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें मूल्यांकन उचित है, और वृद्घि अनिश्चित है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप में तेजी बनी रहेगी, लेकिन आपको शेयरों के चयन पर ध्यान देना होगा।