मोबाइल एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म ‘एमखोज’ ने जब जूता बनाने वाली कंपनी रीबॉक के लिए मोबाइल विज्ञापन अभियान शुरू किया तो उसने यह सोचा भी नहीं था कि महज 6 सप्ताह में वह 4 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने में कामयाब हो जाएगी। लेकिन इसमें वह सफल रही।
तकरीबन 4,50,000 मोबाइल उपभोक्ताओं ने रीबॉक से संपर्क किया और तकरीबन 40 फीसदी ने उसके मोबाइल कंटेंट को डाउनलोड किया वहीं 15 फीसदी ने इस विज्ञापन का वीडियो देखा। इस मामले में रीबॉक अकेली कंपनी नहीं है। लेनोवो, आईसीआईसीआई, होंडा, स्मिरनॉफ, यूनाइटेड कलर्स ऑफ बेनेटन समेत कई ब्रांडों ने भी एमखोज के मोबाइल एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म की सेवा ले चुके हैं।
नजारा टेक्नोलॉजीज अपना 5 फीसदी राजस्व भारतीय ब्रांडों के लिए मोबाइल मार्केटिंग सॉल्युशन से हासिल करती है। नजारा टेक्नोलॉजीज के मुख्य कार्यकारी और प्रमोटर नितीश मित्तरसैन ने कहा, ‘हमने पिछले साल तकरीबन 21.50 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया। हम इस साल इसे दोगुना और मोबाइल मार्केटिंग राजस्व बढ़ा कर 15 फीसदी करना चाहते हैं।’
मौजूदा समय में मोबाइल विज्ञापन राजस्व लगभग 50 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है जो 2011 तक बढ़ कर 500 करोड़ रुपये हो सकता है। प्राइसवाटरहाउस कूपर क रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि थ्री जी नेटवर्क, आईपीटीवी और मोबाइल फोन पर हाई-ऐंड गेम पेश किए जाने के बाद इस सेगमेंट को अच्छी बढ़त हासिल होगी।
गार्टनर नोट्स के वरिष्ठ शोध विश्लेषक मधुसूदन गुप्ता बताते हैं, ‘संभावना है कि अगले दो वर्षों में और अधिक वायरलेस ऑपरेटर मोबाइल विज्ञापन की राह पर चलेंगे। ये ऑपरेटर युवा पीढ़ी तक पहुंचने के लिए एक माध्यम के तौर पर मोबाइल विज्ञापन को अपनाएंगे।’
मोबाइल एडवरटाइजिंग रिपोर्ट (एमएआर) के मुताबिक भारत में अन्य देशों की तुलना में मोबाइल फोन उपभोक्ता बड़ी संख्या में मोबाइल विज्ञापन प्राप्त करते हैं। एमएआर के आंकड़ों में बताया गया है कि भारत में तकरीबन 85 फीसदी मोबाइल फोन उपभोक्ता नियमित रूप से विज्ञापन हासिल करते हैं। वहीं ब्रिटेन में ऐसे मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 51 फीसदी और अमेरिका में 37 फीसदी है।
मोबाइल उत्पाद एवं सॉल्युशन प्रदाता ‘मोबाइल वर्क्स’ के सह-संस्थापक आसिफ अली ने बताया, ‘मोबाइल फोन की बातचीत किए बगैर इंटरनेट, मीडिया या मार्केटिंग की लोकप्रियता की बात करना कठिन होगा। विज्ञापनदाता मोबाइल विज्ञापन अभियान की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।’ अनुमानित तौर पर मोबाइल विज्ञापन अभियानों की रेंज 42,000 रुपये और 4,20,000 रुपये के बीच है।
एमखोज के मुख्य कार्यकारी नेविन तिवारी का कहना है कि विज्ञापनदाता उच्च पहुंच और उच्च क्लिक दर के कारण मोबाइल की तरफ रुख कर रहे हैं। उनकी कंपनी का दावा है कि उसके 50 फीसदी ग्राहकों ने मोबाइल प्लेटफॉर्म पर पुन: बड़े विज्ञापन अभियानों की इच्छा जताई है।
ऐसे में जब भारत में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 26 करोड़ के आंकड़े को छू चुकी है, मोबाइल एडवरटाइजिंग स्पष्ट रूप से 5 करोड़ मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ताओं के लिए सामान्य बात होगी। मोबाइल पहली बार इंटरनेट की तरह लोकप्रिय हुआ है। विज्ञापन अभियान में मोबाइल अहम भूमिका निभा सकता है। अली ने कहा, ‘आप मोबाइल उपभोक्ताओं तक अपना विज्ञापन पहुंचाने के लिए मैसेजिंग, टेक्स्ट मैसेजिंग, मोबाइल वेब और वीडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं।’
ब्रांड पर छाया मोबाइल का जादू
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