अनिश्चितता के माहौल में भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) काफी सजग है।
कंपनी के प्रमुख परिचालन अधिकारी और कार्यकारी निदेशक एन. चंद्रशेखरन ने बताया कि मूल्य दबाव होने के बावजूद वह लागत क्षमता पर पूरा ध्यान देंगे। शिवानी शिंदे से बातचीत के प्रमुख अंश:
आपने यह माना है कि प्राइसिंग का दबाव इकाई में है। क्या मौजूदा स्थिति सचमुच बहुत खराब है?
जब आपके ग्राहक को परेशानी होती है, तो प्राइसिंग का दबाव होता है। अभी यह भी कहना मुश्किल है कि स्थिति में कब सुधार होगा, क्योंकि हमने साल के हर महीने चौंकाने वाले परिणाम देखे हैं। इस वजह से हमारे मुख्य ग्राहकों पर भी असर पड़ा है।
जाहिर सी बात है कि अगर ग्राहकों को असर पड़ेगा, तो हम भी बुरी तरह से प्रभावित होंगे। अगर अगला तीन महीना ठीक-ठाक रहा, तो जून की तिमाही में आंकड़े सुधर सकते हैं।
आपने कहा कि आपके ग्राहकों की आय और लाभ में कमी हो रही है?
ऐसा सिर्फ हमारे ग्राहकों के साथ नहीं हो रहा है। अगर आप दुनिया की शीर्ष 500 या 1000 कंपनियों के ग्राहकों की पड़ताल करें, तो शीर्ष के 100 ग्राहकों की स्थिति कमोबेश हमारे ग्राहकों जैसी ही है। लेकिन ये सारी कंपनियां अच्छी हैं। ये कंपनियां सिर्फ मौजूदा दबाव में खराब प्रदर्शन कर रही हैं।
तो अब रणनीति क्या है?
हमारे पास ग्राहकों की जरूरतों और उनके लिए सॉल्यूशंस प्रदान करने का बेहतरीन अनुभव है। इसलिए इसमें किसी एक तिमाही में बदलाव नहीं हो सकता है।
