बीएस बातचीत
डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (निवेश) अतुल भोले ने निकिता वशिष्ठ को एक साक्षात्कार में बताया कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही की शुरुआत हो चुकी है और बाजार ऊंचे मूल्यांकन के बावजूद मौजूदा स्तरों पर बने रहने में सक्षम हो सकते हैं। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या बाजारों में अमेरिकी फेडरल द्वारा रियायतें वापस लिए जाने और 2022 में संभावित दर वृद्घि का असर दिखा है?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व वास्तव में रियायतें वापस लेने और ब्याज दर वृद्घि के लिए बाजार को तैयार कर रहा है। आखिरकार, जब ऐसा होगा, बाजार में बहुत ज्यादा अस्थिरता नहीं दिखेगी। यह समझना बेहद जरूरी है कि अमेरिकी फेडरल तभी रियायतें वापस लेगा, या दरें बढ़ाएगा, जब उसे वृद्घि टिकाऊ बने रहने का भरोसा हो जाएगा। वृद्घि को लेकर भरोसे के साथ भी रियायतें वापस लेने और दरें बढ़ाने की रफ्तार बेहद धीमी रहेगी। इस वजह से बाजार में बहुत ज्यादा अनिश्चितता
नहीं दिखेगी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पसंदीदा सूची के संदर्भ में भारत किस स्थान पर है?
अमेरिका और कुछ खास उभरते बाजार (ईएम) लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। ईएम में, भारत में अच्छा प्रदर्शन करने की ज्यादा संभावना है। भारतीय बाजार एमएससीआई ईएम के मुकाबले 70 प्रतिशत के साथ अच्छी बढ़त पर कारोबार कर रहे हैं। ऐतिहासिक तौर पर, यह प्रीमियम करीब 30-40 प्रतिशत रहता है। बाजार ऊंचे मूल्यांकन के बावजूद मौजूदा स्तरों पर बने रहने में सक्षम हो सकते हैं।
एवरग्रैंडे के ऋण जोखिक से निवेश धारणा किस तरह से प्रभावित हुई है?
यह संकट चीन के अंदर बना रहेगा और वैश्विक वित्तीय व्यवस्था के लिए इसके ज्यादा नकारात्मक परिणाम नहीं होंगे। हालांकि इससे रियल एस्टेट और संबद्घ क्षेत्रों और धातु कीमतों के संदर्भ में चीन में वृद्घि संबंधित कुछ मंदी को बढ़ावा मिलेगा।
अब आपकी पोर्टफोलियो रणनीति क्या है?
वर्ष 2021 में अब तक हमारे फंडों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, काफी हद तक मिड- और स्मॉलकैप शेयरों में आवंटन के संदर्भ में, सकारात्मक बदलाव आया है। अब हम कुछ बदलाव कर रहे हैं हम घरेलू चक्रीयता संबंधित क्षेत्रों के लिए अपना निवेश बढ़ा रहे हैं, जिनमें बैंकिंग, बीएफएसआई, वाहन सीमेंट आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इन शेयरों की वैल्यू आकर्षक दिख रही है।
धातु और दूरसंचार क्षेत्र हाल में सुर्खियों में रहे हैं। क्या वे ताजा गिरावट के बाद अच्छा दांव हैं?
ज्यादातर सकारात्मक बदलाव का असर धातु और दूरसंचार शेयरों में पहले ही दिख चुका है। मुझे मांग-आपूर्ति समस्याओं की वजह से धातु कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं दिख रही है। एवरग्रैंडे घटनाक्रम से कई धातुओं के लिए मांग धीमी बनी रहेगी, क्योंकि रियल एस्टेट और संबद्घ क्षेत्रों पर इसका असर दिखा है। अच्छी रणनीति धातु और दूरसंचार शेयरों के संदर्भ में कुछ पैसा हाथ में बनाए रखने की होगी।
सितंबर तिमाही के परिणाम से आपको क्या उम्मीद है?
बाजारों में दूसरी तिमाही में भारतीय उद्योग जगत द्वारा बेहतर प्रदर्शन का असर दिख रहा है। क्षेत्रों में, बीएफएसआई निवेशकों को प्रदर्शन के संदर्भ में सकारात्मक तौर पर आश्चर्यचकित कर सकता है। दूसरी तरफ, आईटी क्षेत्र को वेतन वृद्घि की वजह से मार्जिन दबाव के संदर्भ में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आरबीआई की अक्टूबर में होने वाली बैठक से आपको क्या उम्मीदें हैं?
आरबीआई अनुकूल रुख बनाए रखेगा। वृद्घि को तब तक मदद मुहैया कराने की जरूरत रहेगी, जब तक कि ये पूरी तरह मजबूत न हो जाए। इसके अलावा, मुद्रास्फीति (खासकर आपूर्ति संबंधित समस्याओं की वजह से) की समस्या भी है। इस संदर्भ में, आरबीआई ब्याज दर वृद्घि के साथ बाजार को आश्चर्यचकित नहीं करेगा।