रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज के बीच छिड़े गैस विवाद में आज बंबई उच्च न्यायालय ने यह पूछ लिया कि सरकार इससे किस तरह प्रभावित हो रही है।
न्यायालय ने पूछा कि गैस आपूर्ति मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से दायर याचिका में सरकार हस्तक्षेप क्यों करना चाहती है।यह याचिका रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गैस आपूर्ति समझौते में रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेज के खिलाफ चल रहे मामले में दायर की है।
न्यायमूर्ति जे एन पटेल और के के तातेड़ की खंडपीठ ने सरकारी वकील टी एस दोएबिया से पूछा, ‘एकल पीठ के आदेश के खिलाफ रिलायंस इंडस्ट्रीज की याचिका से सरकार आखिर किस तरह प्रभावित होती है।’
इस मामले में मुख्य मुद्दा गैस सप्लाई मास्टर एग्रीमेंट की शर्तें हैं। दोनों पक्ष एकल न्यायाधीश के गत वर्ष के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। इसी वजह से दोनों ने खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की है। सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने की इच्छा जताई है।
न्यायमूर्ति पटेल ने हैरानी जताई कि सरकार ने इस मामले में उस वक्त ऐतराज क्यों नहीं किया था, जब उच्च न्यायालय ने रिलायंस के विघटन की योजना को साफ हरी झंडी दिखा दी थी।