कपड़ा क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी का मंत्रिमंडल का फैसला निवेशकों को लुभाता दिख रहा है। कम से कम 35 कंपनियों ने योजना के दो हिस्सों में करीब 10,150 करोड़ रुपये की निवेश योजना पहले ही तैयार कर ली है। हालांकि यह क्षेत्र अब भी योजना का लाभ लेने की कड़ी शर्तों से चिंतित है, जिनमें 600 करोड़ रुपये का कारोबार और ठीक पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी अधिक कारोबार के लक्ष्य आदि शामिल हैं।
पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,683 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें 19,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक जिन 35 कंपनियों ने निवेश की योजना बनाई है, उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, बॉम्बे डाइंग, वेलस्पन ग्लोबल ब्रांड्स, अरविंद ग्रुप, इंडोरामा सिंथेटिक्स और वेलनोन पॉलिएस्टर आदि शामिल हैं।
बॉम्बे डाइंग के मुख्य कार्याधिकारी (पीएसएफ) सुरेश खुराना ने कहा, ‘इसका फायदा यह है कि कारोबार बढ़ाने में मदद मिल सकती है और पूरी मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) शृंखला को फायदा मिल सकता है। आज भी देश का उत्पादन चीन का 10 फीसदी भी नहीं है। यह बहुत अच्छी पहल है। लेकिन इसका फायदा असल में कितनी इकाइयां ले पाएंगी, इसका पता समय आने पर ही चलेगा।’ खुराना ने कहा कि परिधान क्षेत्र के लिए 300 करोड़ रुपये के निवेश और 600 करोड़ रुपये के कारोबार के लक्ष्य को हासिल करना थोड़ा मुश्किल होगा।
प्रोत्साहनों के अलग-अलग ढांचों के मुताबिक दो तरह के निवेश हो सकते हैं। जो कंपनी मानव निर्मित फाइबर और तकनीकी कपड़ों के उत्पादन के लिए भूमि और प्रशासनिक इमारत की लागत के अलावा संयंत्र, मशीनरी, उपकरणों और निजी निर्माण कार्यों पर कम से कम 300 करोड़ रुपये निवेश करना चाहती है, वह योजना के पहले हिस्से में भाग लेने के लिए पात्र होगी। दूसरे हिस्से में जो कंपनी कम से कम 100 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है, वह योजना के इस हिस्से में भागीदारी के लिए आवेदन की पात्र होगी।
योजना के मुताबिक ठीक पिछले साल के कारोबार के मुकाबले कम से कम 25 फीसदी अतिरिक्त कारोबार का लक्ष्य हासिल करने पर पांचवें साल तक हर साल प्रोत्साहन मुहैया कराए जाएंगे। हालांकि दूसरे साल से पांचवें साल तक हर साल प्रोत्साहन में एक फीसदी कमी की जाएगी।
वेलस्पन के मुकेश सवलानी ने कहा, ‘नियमों की मुश्किल शर्त यह है कि कंपनी को हर साल राजस्व 25 फीसदी बढ़ाना होगा। इसके पीछे उद्योग को नए निवेश के लिए प्रोत्साहित करने का विचार है। हमारी कंपनी मानव निर्मित फाइबर फ्लोरिंग में है। हमने पहले ही कारोबारी योजना बना रखी हैं और योजना के आधार पर उन पर पुनर्विचार कर रहे हैं। पीएलआई से निवेश योजनाओं को तेज करने में मदद मिलेगी।’