आईटी सेवा दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने स्कोप 1 और स्कोप 2 में वर्ष 2025 तक अपने एबसॉल्यूट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 70 प्रतिशत तक (2016 आधार वर्ष के मुकाबले) घटाने और वर्ष 2030 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की अपनी योजना की घोषणा की है।
अपनी ताजा प्रकाशित इंटिग्रेटेड एनुअल रिपोर्ट 2020-21 में कंपनी ने इस लए कार्बन कटौती लक्ष्य का जिक्र किया है। कंपनी वर्ष 2020 तक अपनी विशेष कार्बन उपस्थिति घटाने के पिछले लक्ष्य को समय से पहले ही हासिल कर चुकी है। वित्त वर्ष 2021 में स्कोप 1 और स्कोप 2 में टीसीएस की विशेष कार्बन उपस्थिति आधार वर्ष वित्त वर्ष 2008 के मुकाबले 61.6 प्रतिशत तक घट गई थी।
टीसीएस के सीओओ एवं कार्यकारी निदेशक एन जी सुब्रमण्यम ने कहा, ‘हमारा शुद्घ शून्य लक्ष्य पर्यावरण प्रबंधन की दिशा में हमारी नई प्रतिबद्घता को दर्शाता है। उत्सर्जन नियंत्रित करने और वैश्विक तापमान में कमी लाने के लिए सभी संगठनों को अपने मौजूदा बिजनेस मॉडलों में बदलाव लाना होगा। हम न सिर्फ स्वयं के लिए डिजिटल नवाचार के साथ अपने उद्देश्य-केंद्रित वैश्विक नजरिये की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं बल्कि मजबूत एवं पर्यावरण अनुकूल भविष्य के लिए समाधानों की दिशा में ग्राहकों, समाज और सरकारों के साथ भी भागीदारी कर रह हैं।’
अपनी कार्ब उपस्थिति घटाने के लिए टीसीएस की रणनीति का मुख्य उद्देश्य कंपनी के रियल एस्टेट पोर्टफोलियो के लिए ज्यादा ग्रीन बिल्डिंग्स शामिल कर ऊर्जा दक्षता में सुधार लाना, आईटी प्रणाली में विद्युत इस्तेमाल में कमी लाना और टीसीएस की क्लेवर एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ाना है।
सिक्योर बॉर्डरलेस वर्कस्पेसेज परिचालन मॉडल की मदद से रिमोट वर्किंग पर जोर दिए जाने की वजह से वित्त वर्ष 2021 में टीसीएस की पर्यावरण संबंधित उपस्थिति में काफी कमी आई थी। पूरे वर्ष 97 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों द्वारा घर से कार्य किए जाने से संसाधन खपत, उत्सर्जन और अपशिष्ट में बड़ी कमी दर्ज की गई थी। वर्ष के दौरान, कंपनी की ऊर्जा खपत भी पूर्ववर्ती वर्ष के मुुकाबले 46.6 प्रतिशत तक नीचे आ गई थी, और कार्बन उपस्थिति (स्कोप 1 + स्कोप 2) में 48.8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई थी।
