टाटा स्टील द्वारा उड़ीसा के कलिंगनगर में प्रस्तावित 60 लाख टन सालाना क्षमता वाली इस्पात परियोजना के पूरा हो जाने पर इसके लिए 1200 करोड़ रुपये की रखरखाव सेवाओं की जरूरत होगी।
ये सेवाएं कंपनी द्वारा आउटसोर्स की जाएंगी और इससे उड़ीसा में लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) के लिए बड़े अवसर पैदा होने की संभावना है। आउटसोर्स की जाने वाली इन सेवाओं में भंडारण, मशीन शॉप, इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग शॉप, फैब्रिकेशन शॉप, इलेक्ट्रोड और लुब्रिकेंट आपूर्तिकर्ता, कचरा प्रबंधन, मशीनीकृत पदार्थों का प्रबंधन और हॉस्पिटेलिटी आदि शामिल होंगे।
रखरखाव खर्च इस्पात उद्योग में कुल निवेश का 4 फीसदी है। इससे लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए बड़े अवसर पैदा होने की संभावना है। टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (उड़ीसा परियोजना) बी. के. सिंह ने यहां बताया, ‘हम सिलसिलेवार ढंग से कलिंगनगर परियोजना में लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे और हमें 1200 करोड़ रुपये मूल्य की रखरखाव सेवाओं की जरूरत होगी। राज्य के लघु उद्योग इसका फायदा उठा सकते हैं।’
उत्कल चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (यूसीसीआई) की ओर से आयोजित सेमिनार ‘एंसीलियराइजेशन ऑफ एसएमई ऐंड डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज’ में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि कंपनी राज्य में एक वेंडर डेवलपमेंट गु्रप विकसित किए जाने की प्रक्रिया में है। यह समूह स्थानीय उद्यमियों के विकास के लिए काम करेगा और टाटा स्टील के व्यवसाय में भागीदारी बनने को इच्छुक प्रत्येक उद्यमी को मदद मुहैया कराएगा।
उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र की अहम योगदान है और लघु इकाइयों को सेवा क्षेत्र पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंपनी के इस प्रयास से स्थानीय इकाइयों को फायदा होगा।
टाटा स्टील मेंटेनेंस सपोर्ट सेवाओं में स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता देगी। यूसीसीआई के साथ भागीदारी में कलिंगनर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर एक टूल रूम की स्थापना के सुझाव पर सिंह ने इस प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
यूसीसीआई के अध्यक्ष निरंजन मोहंती ने कहा कि उत्कल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंसोर्टियम (यूआईडीसी) ने बड़े अवसर प्राप्त करने के लिए एमएसएमई को सशक्त बनाया है। उड़ीसा में प्रस्तावित मेगा परियोजनाओं में एसएमई कार्य के छोटे पैकेजों के जरिये शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि फिलहाल यूआईडीसी टाटा स्टील और लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एसआईसीएल) की 23 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं पर काम कर रहा है।