जनवरी 2022 में टाटा समूह एयर इंडिया के अधिग्रहण के करीब पहुंच जाएगा, ऐसे में 242 अरब डॉलर के इस समूह को केरल के कोचीन एयरपोर्ट में भी हिस्सेदारी मिल जाएगी। टाटा एकमात्र एयरलाइन बनेगी, जिसकी बड़े भारतीय हवाईअड्डे में परिचालन हिस्सेदारी होगी।
यह हवाईअड्डा पश्चिम एशियाई देशों को भारत के उस इलाके को जोडऩे का रणनीतिक केंद्र है, जिसकी भारत के विस्थापित कामगारों में अहम हिस्सेदारी है। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ निजी कैरियर इंडिगो भी कोचीन एयरपोर्ट का इस्तेमाल करती है और लुभावने मलयाली खाड़ी यात्रियों को जेद्दा, रियाद, शारजाह, दुबई, अबूधाबी, दोहा, कुवैत और बहरीन सहित अन्य जगहों पर पहुंचाती और वहां से लाती है। नियामकीय जानकारी के मुताबिक कोचीन इंटरनैशनल एयरपोर्ट में एयर इंडिया की 3 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बिक्री के पहले की पुनर्गठन योजना के तहत इस हिस्सेदारी का हस्तांतरण एयर इंडिया असेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को नहीं किया गया है, जिसके तहत नैशनल कैरियर की चुनिंदा संपत्तियों और कर्ज को एआईएएचएल के बही में से हटा दिया गया है।
सरकार द्वारा जारी विनिवेश दस्तावेजों के मुताबिक कोचीन एयरपोर्ट की हिस्सेदारी खरीदार के पास होगी। बहरहाल टाटा को कुछ अन्य उद्यमों जैसे होटल कॉर्पोरेशन आफ इंडिया, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज, एयरलाइन अलायड सर्विसेज और एयर इंडिया ट्रांसपोर्ट सर्विसेज में एयर इंडिया की हिस्सेदारी नहीं मिलेगी। एयर इंडिया ने कोचीन एयरपोर्ट में 45 करोड़ रुपये निवेश खिया था, वहीं उपरोक्त उल्लिखित उद्यमों में उसकी हिस्सेदारी 818 करोड़ रुपये है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कोचीन में हिस्सेदारी जैसे गैर परिचालन मसले पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है। इस मसले पर कोचीन एयरपोर्ट से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
टाटा को कोचीन एयरपोर्ट में हिस्सेदारी के हस्तांतरण के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), भारत पेट्रोलियम और आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) की हिस्सेदारी इस उद्यम में रह जाएगी, जो संयुक्त रूप से करीब 10 प्रतिशत है। केरल के निजी मसाला व्यापारियों में से एक, राज्य के एक बैंक और अबूधाबी के एक अरबपति परिवार की हिस्सेदारी निजी गैर प्रवर्तक शेयरधारकों के रूप में है।
कोचीन एयरपोर्ट में टाटा की हिस्सेदारी जैसी पहले की भारत में कोई नजीर नहीं है। अदाणी को बोली में 6 हवाईअड्डे मिलने और मुंबई में अधिग्रहण के बाद एक कॉर्पोरेट समूह द्वारा परिचालित हवाईअड्डों की संख्या सीमित करने की बात चल रही है, वहीं इस बात को लेकर आम राय नहीं है कि क्या विमानन कंपनियों की हवाईअड्डों में अल्पांश हिस्सेदारी पर प्रतिबंध होना चाहिए।
वैश्विक स्थिति देखेंं तो हवाईअड्डों में हिस्सेदारी लेने को लेकर विमान कंपनियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सेंटर फॉर एविएशन के आंकड़ों के मुताबिक विश्व की 50 से ज्यादा एयरलाइंस की हवाईअड्डों में हिस्सेदारी है और कुछ का हवाईअड्डों पर पूर्ण मालिकाना भी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या टाटा कोचीन में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखेगा और उसे बढ़ाएगा? टाटा के प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य की योजना स्पष्ट करने के पहले समूह एयर इंडिया के पूर्ण अधिग्रहण का इंतजार कर रहा है। लेनिक अगर कोचीन के परिचालन की गणित को देखें तो उससे पता चलता है कि यह टाटा के लिए छोटी, किन्तु बहुत लुभावनी संपत्ति हो सकती है।
