प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील और टिसेनक्रुप के प्रस्तावित संयुक्त उद्यम को तगड़ा झटका लगा है। यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अदालत द्वारा दलीलों को खारिज किए जाने के बाद दोनों कंपनियां अपने प्रस्तावित ऐतिहासिक संयुक्त उद्यम के लिए यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्धा वीटो के खिलाफ लड़ाई हार गई हैं।
दोनों कंपनियों ने साल 2019 में अपने प्रस्तावित संयुक्त उद्यम के जरिये इस्पात उद्योग में मौजूद अतिरिक्त क्षमता एवं अन्य चुनौतियों से निपटने की पहल की थी। इसके साथ संयुक्त उद्यम आर्सेलरमित्तल के बाद यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी स्टील विनिर्माता बन जाती। लेकिन यूरोपीय आयोग ने कहा कि इस सौदे के कारण कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है और उस पर नए सिरे से गौर करने की मांग की थी। टिसेनक्रुप ने उस समय कहा था कि इससे योजनाबद्ध लेनदेन के तर्क का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
यूरोपीय संग के प्रतिस्पर्धा आयोग ने 2019 के अपने फैसले में कहा था कि कंपनियों ने चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए और इसलिए सौदे को रोक दिया गया। इस पर दोनों कंपनियों ने लक्जमबर्ग की अदालत में प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। अब इस मामले को यूरोप की शीर्ष अदालत कोर्ट ऑफ जस्टिस ऑफ द यूरोपीयन यूनियन में चुनौती दी जा सकती है।
