टाटा समूह की इंजीनियरिंग सेवा एवं उत्पाद विकास इकाई टाटा टेक्नोलॉजीज (टाटा टेक) वर्ष 2025 तक 69 प्रतिशत तक बढ़कर वित्त वर्ष 2022 के 47.3 करोड़ डॉलर से करीब 80 करोड़ डॉलर पर पहुंच सकती है। टाटा टेक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहन खंड एवं विमानन में मांग बढ़ने से मदद मिलेगी। कंपनी विलय एवं
अधिग्रहणों के जरिये भी विकास की संभावना तलाश रही है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी वारेन हैरिस ने कहा, ‘हम अगले 12 महीनों में अपना व्यवसाय 20 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। उसके बाद हमें यह 15 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। वर्ष 2025 तक, टाटा टेक अपना व्यवसाय बढ़ाकर 80 करोड़ डॉलर कर सकती है।’ मार्च 2022 में समाप्त वर्ष के लिए, टाटा टेक्नोलॉजीज का राजस्व 47.35 करोड़ डॉलर पर दर्ज किया गया था और परिचालन लाभ 8.65 करोड़ डॉलर तथा कर पश्चात लाभ 5.8 करोड़ डॉलर था। वर्ष में राजस्व वृद्धि 47 प्रतिशत रही, वहीं परिचालन मुनाफा वृद्धि 65 प्रतिशत और कर-बाद लाभ वृद्धि 74 प्रतिशत पर दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि कंपनी लक्षित अधिग्रहण के लिए भी बाजार में है। उन्होंने कहा, ‘हमने उन लक्ष्यों की सूची बनाई है जिन पर हम विलय एवं अधिग्रहण के जरिये संभावना तलाश रहे हैं। हम अगले कुछ वर्षों में विलय एवं अधिग्रहणों के संदर्भ में सक्रियता दिखा रहे हैं। कंपनीइलेक्ट्रिक वाहनों और वाहन तथा विमानन खंड में डिजिटल तेजी पर बड़ा दांव लगा रही है। वह बेंगलूरु इकाई में अगले 18 महीनों में कर्मियों की संख्या 400 से बढ़ाकर 1,000 करने की योजना बना रही है।’
कंपनी ने ड्राइवलाइन सिस्टम्स और आधुनिक ईपावरट्रेन प्रौद्योगिकियों में वैश्विक दिग्गज जीकएन ऑटोमोटिव के साथ समझौता किया है और अक्टूबर 2020 में बेंगलूरु में वैश्विक ई-मोबिलिटी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग केंद्र खोला था।
टाटा टेक का करीब 80 प्रतिशत व्यवसाय ऑटोमोटिव सेगमेंट से आता है, जिसके बाद एयरोस्पेस और इंडस्ट्रियल हेवी मशीनरी का योगदान है। उन्होंने कहा कि कंपनी कई तरह के ग्राहकों की जरूरतें पूरी करती है। 6 साल पहले कंपनी का ज्यादातर व्यवसाय टाटा समूह से आता था, जो अब महज 31 प्रतिशत रह गया है। टाटा टेक में टाटा मोटर्स की करीब 72 प्रतिशत और अल्फा टीसी होल्डिंग्स की 9 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
